लखनऊ: राजा भैया के खिलाफ सीबीआई ने फिर शुरू की जांच, जानें पूरा मामला
लखनऊ। पूर्व कैबिनेट मंत्री और जनसत्ता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ एक बार फिर सीबीआई ने जांच शुरू कर साक्ष्यों को जुटाना शुरू कर दिया है। इस बार जांच की आंच कहां तक पहुंचेगी, इसपर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। सीबीआई ने फिर से केस से …
लखनऊ। पूर्व कैबिनेट मंत्री और जनसत्ता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ एक बार फिर सीबीआई ने जांच शुरू कर साक्ष्यों को जुटाना शुरू कर दिया है। इस बार जांच की आंच कहां तक पहुंचेगी, इसपर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। सीबीआई ने फिर से केस से जुड़ी सभी कड़ियों को जोड़ना शुरू कर दिया है।
इसके साथ ही केस से जुड़े लोगों के दोबारा बयान भी दर्ज करने की तैयारी है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया इस केस जुड़े कई सवालों की सूची भी सीबीआई ने तैयार की है, जिनका सामना राजा भैया को करना पड़ेगा। कोर्ट में दोबारा फजीहत का सामना न करना पड़े इसके लिए सीबीआई के अधिकारी केस के हर बिंदु को गहराई से खंगालेंगे।
बता दें कि सीबीआई केस की दोबारा छानबीन इसी इसी साल अक्टूबर माह में करने की तैयारी की थी। लेकिन मामला फिर तीन माह टल गया। बीते शुक्रवार को सीबीआई की टीम कुंडा बलीपुर गांव पहुंची थी। इस दौरान सीबीआई ने घटना स्थल का भी निरीक्षण किया था।
ये था मामला…
मार्च 2013 में विधानसभा क्षेत्र कुंडा के बलीपुर गांव में प्रधान व उसके भाई की हत्या हो गई थी। उस समय तत्कालीन सीओ जियाउल हक वहां पहुंचे तो भीड़ ने उन पर हमला कर उनकी हत्या कर दी। सीओ की पत्नी ने परवीन आजाद ने आरोप लगाया था कि भीड़ में शामिल राजा भैया के लोगों ने उनके इशारे पर ही सीओ की हत्या की है। क्योंकि किसी मामले में राजा भैया के साइन होने थे, सीओ उनके पास न जाकर राजा भैया को अपने कार्यालय पर बुला रहे थे।
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इसे लेकर कई दिनों से तनातनी थी। तत्कालीन अखिलेश सरकार की संस्तुति पर हुई सीबीआई जांच में पॉलीग्राफी टेस्ट के बाद राजा भैया को क्लीन चिट दे दी गई थी। साथ ही क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। सीओ की पत्नी ने इस रिपोर्ट को सीबीआई कोर्ट में चैलेंज किया तो कोर्ट ने उनके तर्कों को सही मानते हुए दोबारा जांच के आदेश कर दिए। सीबीआई की टीम सीबीआई कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गई थी, जहां कोर्ट ने सीबीआई को मुंह की खानी पड़ी।
सीबीआई कोर्ट ने कहा था जांच में हुई लापरवाही…
सीबीआई कोर्ट कहना था कि सीओ हत्याकांड की जांच में सीबीआई ने लापरवाही बरती है। सिर्फ पॉलीग्राफ टेस्ट के आधार पर अभियुक्त को निर्दोष मान लिया गया। कई तथ्यों की अनदेखा किया गया है ऐसे में तथ्यों जुटाकर पूरी पारदर्शिता के साथ जांच की जाये
न्यायालय ने उठाये थे ये सवाल…
- हमले के दौरान पुलिस कर्मियों ने हथियारों का इस्तेमाल क्यों नहीं किया?
- सीओ के अलावा वहां कोई पुलिसकर्मी घायल क्यों नहीं हुआ?
- आरोपी गुड्डू सिंह का घर जलाने जा रहे थे तो सीओ पर हमला क्यों किया?
- सीओ पर हमले के बाद आरोपियों ने गुड्डू सिंह का घर क्यों नहीं जलाया?
- कोर्ट ने कहा इससे साफ जाहिर है सीओ की हत्या साजिश के तहत की गयी है।
- सिर्फ पुलिस अफसरों पर की थी जुर्माने की सिफारिश
- सीबीआई जांच में राजा भैया से 15-16 मई 2013 को पूछताछ हुई थी। इसके बाद उन्हें क्लीनचिट दे दी गई थी। सीबीआई ने अपनी
- रिपोर्ट में एक इंस्पेक्टर, दो एसआई और एक कांस्टेबल पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी।
- इस तरह चला था पूरा घटनाक्रम
- 2 मार्च, 2013: बलीपुर गांव के ग्राम प्रधान नन्हे व भाई सुरेश की हत्या
- इसी बवाल को शांत कराने पहुंचे सीओ जियाउल हक की भीड़ ने की हत्या।
- 3 मार्च, 2013: सीओ की पत्नी परवीन आजाद राजा भैया पर केस दर्ज कराया
- 4 मार्च: तत्कालीन सीएम अखिलेश ने सीओ के परिवार को निष्पक्ष की बात कही।
- इसी दिन राजा भैया का जेल मंत्री पद से इस्तीफा भी लिया गया।
- 5 मार्च : यूपी विधानसभा और संसद में हंगामा, कार्यवाही ठप।
- 7 मार्च: सीबीआई ने दर्ज की चार एफआईआर। राजा दर्ज हआ हत्या का केस, सभी आरोपियों में राजा भैया समेत 18 लोग हुए नामजद
- 8 मार्च: सीबीआई ने निलंबित पुलिसकर्मीयों से पूछताछ की।
- 12 मार्च : कुंडा के पास मानिकपुर में देर रात सीबीआई टीम पर पथराव।
- 16 मार्च : जियाउल हक की पिस्टल घटनास्थल से कुछ कदम दूर पर बरामद
- अगस्त : सीबीआई ने दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट
