वोट बैंक के चक्कर में पूर्व प्रधानों ने अपात्रों के नाम शौचालयों के निर्माण की सूची में किए शामिल
रायबरेली। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के तहत शौचालयों के लाभार्थियों के चयन में जमकर मनमानी हो रही है। असल में पंचायत चुनाव में वोट बैंक पर पकड़ बनाने के लिए पूर्व प्रधानों ने अपात्रों के नाम शौचालयों के निर्माण की सूची में शामिल कर दिए। जब सत्यापन हुआ तो इसकी पोल खुल गई। अब …
रायबरेली। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के तहत शौचालयों के लाभार्थियों के चयन में जमकर मनमानी हो रही है। असल में पंचायत चुनाव में वोट बैंक पर पकड़ बनाने के लिए पूर्व प्रधानों ने अपात्रों के नाम शौचालयों के निर्माण की सूची में शामिल कर दिए। जब सत्यापन हुआ तो इसकी पोल खुल गई। अब अपात्रों के नाम लिस्ट से हटाने की तैयारी हो रही है।
स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय से छूटे हुए परिवारों को लाभान्वित कराने के लिए केंद्र सरकार से मिशन फेज-2 चलाया गया है। इसके लाभार्थियों का चयन पंचायत चुनाव के पूर्व हुआ था। इसमें 17193 लाभार्थी चयनित किए गए थे। जब यह सूची बनी थी, उस समय पंचायत चुनाव की कवायद हो थही थी। ग्राम प्रधानों का कार्यकाल पूरा हो चुका था।
उनका कार्यभार सचिव ग्राम पंचायतों के पास आ गया था। अधिक से अधिक वोट बटोरने के चक्कर में कई जगह पूर्व प्रधानों ने अपात्रों के नाम डलवा दिए। बहुत से ऐसे लोगों के नाम भी शामिल कर लिए गए जो लॉकडाउन में बाहर से आए थे और बाद में वापस चले गए। जिला मुख्यालय के निर्देश पर ब्लॉक स्तर से इनका सत्यापन कराया गया। सूची में शामिल 1204 लोग ऐसे मिले, जो योजना के लिए अपात्र थे।
कहां कितने अपात्र
अमावां में 24, बछरावां में 186, छतोह में छह, दीनशाह गौरा में 86, जगतपुर में 139, खीरों में 24, लालगंज में 188, महराजगंज में 66, राही में 17, सलोन में 119, सतांव में 105, शिवगढ़ में 196, ऊंचाहार में 48 लोग अपात्र पाए गए।
एसबीएम फेज-2 के लिए चयनित लाभार्थियों में कुछ लोग अपात्र पाए गए हैं। इनके नाम सूची से हटवाने के लिए कार्रवाई की गई है। अपात्रों को सरकारी योजना का लाभ कतई नहीं दिया जाएगा।– उमा शंकर मिश्र, डीपीआरओ
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