मुख्य सचिव के हस्तक्षेप के बाद खाद्य एवं रसद विभाग अधिकारियों का कार्य बहिष्कार समाप्त
लखनऊ। खाद्य एवं रसद विभाग के निरीक्षक व अफसरों की तीन दिनों से जारी कार्य बहिष्कार मुख्य सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्रा के हस्तक्षेप बाद समाप्त हो गया। इससे सोमवार से प्रदेश की मंडियों में सरकारी समर्थन मूल्य पर धान की खरीद पहले की तरह फिर हो सकेगी। यूपी फूड एंड सिविल सप्लाइज इंस्पेक्टर्स/ आफीसर्स एसोएिशन …
लखनऊ। खाद्य एवं रसद विभाग के निरीक्षक व अफसरों की तीन दिनों से जारी कार्य बहिष्कार मुख्य सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्रा के हस्तक्षेप बाद समाप्त हो गया। इससे सोमवार से प्रदेश की मंडियों में सरकारी समर्थन मूल्य पर धान की खरीद पहले की तरह फिर हो सकेगी। यूपी फूड एंड सिविल सप्लाइज इंस्पेक्टर्स/ आफीसर्स एसोएिशन की प्रदेश अध्यक्ष हरिओम मिश्रा, उपाध्यक्ष प्रीति पांडेय और महामंत्री रेणु मिश्रा ने शनिवार को प्रेस को बताया कि पिछले तीन दिनों से प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार चल रहा था। जिसकी वजह से मंडियों में सरकारी धान की खरीद प्रभावित हो रही थी।
एसोसिएशन का कहना था कि धान खरीद में दिक्कते सामने आने के बावजूद शासन स्तर पर निराकरण नहीं हो रहा था। जिसकी वजह से एसोसिएशन को कार्य बहिषकार करना पड़ा। इस बीच राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष हरिओम मिश्रा के नेतृत्व में एसोसिएशन ने शनिवार को मुख्य सचिव दुर्गा प्रसाद से मुलाकात कर उनको 22 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। मुख्य सचिव ने इस दौरान मध्यस्थता कर खाद्य एवं रसद सचिव निवेदिता शुक्ला को बुलाकर दोनों पक्षों के बीच वार्ता कराई। बैठक में विभाग की प्रमुख सचिव निवेदिता शुक्ला व आयुक्त ने एसोसिएशन की मांगों पर सहानुभितपूर्वक विचार एवं समाधान करने का आश्वासन दिया है। जिसके बाद यह कार्य बहिष्कार का फैसला लिया गया।
बता दें कि कार्य बहिष्कार के चलते न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत की जा रही धान की खरीद तथा पीडीएस के अंतर्गत खाद्यान्न के उठान एवं वितरण का कार्य तीन दिन से बाधित रहा। एसोसिएशन का कहना है कि बिना मूलभूत सुविधाओं के अव्यवहारिक नीतियों के क्रियान्वयन के लिए बलपूर्वक नियंत्रक दबाव बनाया जा रहा है। इसके लिए तीन वर्षों से संघ निरन्तर इसकी जानकारी भी दे रहा है। 12 नवम्बर को विभाग ने लिखित आश्वासन भी दिया है लेकिन कोई भी परिवर्तन नहीं हुआ। कर्मचारियों को बराबर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के 90 प्रतिशत गोदामों व कार्यालयों में बिजली, पानी की व्यवस्था भी नहीं है। वहीं भारत सरकार के निर्देश के बाद सीएमआर कंट्रोल ऑर्डर जारी किया जा रहा है।
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