मुरादाबाद : नगर सीट पर हर बार लिखा गया लोकतंत्र का अफसाना
मुरादाबाद,अमृत विचार। नगर विधानसभा दुनिया भर विश्व में पीतलनगरी के नाम से मशहूर है। यहां प्रति वर्ष 9000 करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात किया जाता है। बड़ी संख्या में मतदाता पीतल कारोबार से जुड़े हुए हैं। यहां लगभग 45 प्रतिशत आबादी हिन्दुओं की है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां नौ लाख से ज्यादा …
मुरादाबाद,अमृत विचार। नगर विधानसभा दुनिया भर विश्व में पीतलनगरी के नाम से मशहूर है। यहां प्रति वर्ष 9000 करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात किया जाता है। बड़ी संख्या में मतदाता पीतल कारोबार से जुड़े हुए हैं। यहां लगभग 45 प्रतिशत आबादी हिन्दुओं की है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां नौ लाख से ज्यादा मतदाता हैं। जिसमें करीब 4,55,699 पुरुष मतदाता और 3,52,278 महिला मतदाता शामिल हैं। पांच जनवरी को प्रशासन मतदाताओं की अनंतिम सूची जारी करेगा।
यह है विधानसभा की राजनीतिक पृष्ठभूमि : मुरादाबाद नगर विधानसभा में 1951 से 2017 तक 17 विधानसभा चुनाव हुए। नगर विधानसभा पर चार बार कांग्रेस, दो बार निर्दलीय, एक बार आरपीआई, एक बार भारतीय जनसंघ, एक बार जनता पार्टी, दो बार जनता दल, चार बार भाजपा और दो बार समाजवादी पार्टी से विधायक चुने जा चुके हैं। अगर सीट पर दबदबे की बात करें तो इस सीट पर वैश्य समाज का दबदबा रहा है। अब तक इस विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 10 बार वैश्य समाज से विधायक चुनकर विधानसभा तक पहुंचे हैं। अगर मतदाताओं के रुझान की बात करें तो 1974 और 1977 में दो बार लगातार दिनेश चन्द्र रस्तोगी विधायक चुने गए।
जिसमें दिनेश चन्द्र रस्तोगी 1974 में भारतीय जनसंघ और 1977 में जनता पार्टी से चुनकर विधासभा तक पहुंचे। वर्ष 1980 और 1985 के विधानसभा चुनाव में लगातार दो बार कांग्रेस से विधायक चुने गए। 1980 में हाफिज मोहम्मद सिद्दीकी और 1985 में पुष्पा सिंघल कांग्रेस से विधायक चुनी गयीं। वर्ष 1989 और 1991 में इस सीट पर जनता दल ने कब्जा किया था। साल 1989 में शमीम अहमद और 1991 में जाहिद हुसैन जनता दल से विधायक चुने गये। लेकिन, 1993 से मुरादाबाद नगर विधानसभा सीट पर 2007 तक हुए चार विधानसभा चुनावों में लगातार चार बार संदीप अग्रवाल का कब्जा रहा।
संदीप अग्रवाल लगातार तीन बार भारतीय जनता पार्टी से और 2007 के चुनाव में समाजवादी पार्टी से विधायक चुनकर चौथी बार विधानसभा तक पहुंचे थे। 2012 में यहां सपा ने
कब्जा जमाया। तब विधायक रितेश गुप्ता से सपा के हाजी युसूफ अंसारी जीते थे। वर्ष 2017 में रितेश ने यह सीट सपा से छीन ली। सपा यहां पराजित हो गयी। इस सीट पर 55 फीसदी मुस्लिम और 45 फीसदी हिंदू वोटर्स हैं। हिंदू वोटर में वैश्य समाज की आबादी अधिक है।

सीधी टक्कर में भाजपा का खिल पाया था कमल
2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रितेश गुप्ता चुनाव जीतकर विधायक बने। वह 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर थे। रितेश गुप्ता ने सपा प्रत्याशी यूसुफ अंसारी को हराकर यह चुनाव जीता था। यूसुफ अंसारी 2012 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर सपा के विधायक थे। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रितेश गुप्ता को 123456 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे सपा प्रत्याशी हाजी यूसुफ अंसारी को 120274 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के अतीक अहमद सैफी थे, जिन्हें 24650 वोट मिले थे।
