लखनऊ: साइबर अपराधियों का नया बसेरा बना हरियाणा व गाजियाबाद

लखनऊ: साइबर अपराधियों का नया बसेरा बना हरियाणा व गाजियाबाद

लखनऊ। साइबर अपराध के बदलते ट्रेंड अबतक पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे, पर अब तो साइबर के नये-नये हब भी बनने लगे हैं। जी हां अबतक झारखंड के जामताड़ा जिले को न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर साइबर क्राइम के हब के रूप में जाना जाता था, पर अब जामताड़ा …

लखनऊ। साइबर अपराध के बदलते ट्रेंड अबतक पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे, पर अब तो साइबर के नये-नये हब भी बनने लगे हैं। जी हां अबतक झारखंड के जामताड़ा जिले को न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर साइबर क्राइम के हब के रूप में जाना जाता था, पर अब जामताड़ा को पीछे छोड़ते हुए हरियाणा राज्य और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से अधिकांश साइबर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है।

70 प्रतिशत मामले हरियाणा व गाजियाबाद से

राजधानी पुलिस की साइबर सेल से मिली जानकारी के अनुसार हाल के दिनों में जितने भी साइबर अपराध के मामले हुए हैं, उनमें से 70 प्रतिशत या उससे अधिक मामलों को हरियाणा या उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से ही अंजाम दिया गया है। पुलिस के मुताबिक, पूर्व में अधिकांश साइबर अपराधों को जामताड़ा जिले से ही ऑपरेट किया जाता था।

आईसीआरसीसी पोर्टल दे रहा पुलिस को मदद

पूर्व में पुलिस को दूसरे राज्यों से अपराध को अंजाम दिये जाने के मामलों में गिरफ्तारी में काफी दिक्कत होती थी। पर अब इन्वेस्टिगेशन को-ऑपरेशन रिक्वेस्ट फॉर साइबर क्राइम (आईसीआरसीसी) पोर्टल लखनऊ पुलिस के लिए बेहद मददगार साबित हो रहा है। इसके लिए अगर अपराधी दूसरे राज्य से अपराध को अंजाम देता है तो पुलिस उक्त राज्य के संबंधित थाने को आईसीआरसीसी पोर्टल के माध्यम से केस इन्वेस्टिगेशन फॉरवर्ड कर सकती है।

पहले साइबर के अधिकांश अपराधों को झारखंड के जामताड़ा जिले से अंजाम दिया जाता था, पर पिछले कुछ समय में जामताड़ा के बजाय अधिकांश अपराधी हरियाणा व उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से ऑपरेट कर रहे हैं। पुलिस इस सिंडिकेट को तोड़ने में लगी हुई है…रंजीत कुमार, प्रभारी निरीक्षक, हजरतगंज साइबर थाना

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