मथुरा: सॉल्वर गैंग का पुलिस ने किया पर्दाफाश, दस गिरफ्तार

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मथुरा। जिले के दो थानों की पुलिस ने सर्विलांस और एसओजी टीमों की मदद से एक सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ करते हुए उसके सरगना समेत दस को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया कि रविवार को यूपीटीईटी परीक्षा की प्रथम पाली में मुखबिर की सूचना पर गैंग का भंडाफोड़ करने के …

मथुरा। जिले के दो थानों की पुलिस ने सर्विलांस और एसओजी टीमों की मदद से एक सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ करते हुए उसके सरगना समेत दस को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया कि रविवार को यूपीटीईटी परीक्षा की प्रथम पाली में मुखबिर की सूचना पर गैंग का भंडाफोड़ करने के लिए सीओ सिटी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

उन्होंने कोतवाली मथुरा और हाईवे थाने की पुलिस, एसओजी और सर्विलांस टीम के साथ प्रयास कर शाम को गैंग के सरगना समेत दस लोगों को राधा रिजॉर्ट होटल के सामने से उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वे पैसे का बटवारा कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि गैंग के पास से एक लाख 53 हजार नगद, 10 मोबाइल फोन, तीन ऐडमिट कार्ड, दो आन्सर शीट एवं एक बैग बरामद किया गया है। गैंग के सरगना ने गैंग की गतिविधियों के बारे में जिस प्रकार बताया है उससे इस गैंग में और सदस्यों के होने की भी संभावना है तथा उनको पकड़ने के लिए पुलिस लगा दी गई है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि गैंग परीक्षा में चोर दरवाजे से पास होने के इच्छुक प्रत्येक कन्डीडेट से एक लाख वसूलता है। इसमें से तीस हजार गैंग का सरगना विजय खुद रखता है 20 हजार ठेकेदार को मिलता है जो साल्वर और अभ्यर्थी को लाता है तथा साल्वर को 50 हजार दिए जाते हैं। क्योंकि साल्वर को अच्छी रकम मिलती है इसलिए वह आसानी से तैयार हो जाता है।

उन्होंने बताया कि गैंग के सरगना विजय के अनुसार सबसे पहले परीक्षा में इस प्रकार से पास होने के इच्छुक अभ्यर्थी की तलाश होती है। इसके बाद नकली प्रवेशपत्र तैयार कर उसमें साल्वर की फोटो लगाई जाती है। प्रयास यह किया जाता है कि साल्वर का चेहरा मूल अभ्यर्थी से मिलता जुलता हो।

गैंग के सरगना के अनुसार रविवार को सम्पन्न हुई यूपीटीईटी की परीक्षा में इस गैंग द्वारा सात साल्वर विभिन्न केन्द्रों में बैठाये गए हैं। यह गैंग अन्य परीक्षाओं में इसी प्रकार का धंधा करता है।

पुलिस के अनुसार गैंग के 9 सदस्य सरगना विजय, हनुमानाराम, रमेश कुमार, प्रदीप, सुरेन्द्र, गोविन्द, दिनेश कुमार मांगेलाल एवं डोरीलाल राजस्थान के विभिन्न जिलों के निवासी है जब कि गैंग का सदस्य लक्ष्मीनारायण मथुरा के नौहझील क्षेत्र का है। गैंग के सदस्यों को जेल भेज दिया गया है।

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