लखनऊ: राजधानी के ऑटो चालकों से प्रतिदिन 110 रुपए गुंडा टैक्स वसूल रहे दबंग
लखनऊ। प्रदेश में विस चुनाव को लेकर लागू आचार संहिता के मद्देनजर पुलिस अपराधियों के खिलाफ रॉबिनहुड रोल में है। पर ये तीखे तेवर सिर्फ हार्डकोर अपराधियों के लिए ही हैं। अवैध वसूली करने वालों पर तो पुलिस की पूरी रहमत बरस रही है। जी हां, राजधानी में पुलिस की नाक के नीचे खुलेआम ऑटो रिक्शा …
लखनऊ। प्रदेश में विस चुनाव को लेकर लागू आचार संहिता के मद्देनजर पुलिस अपराधियों के खिलाफ रॉबिनहुड रोल में है। पर ये तीखे तेवर सिर्फ हार्डकोर अपराधियों के लिए ही हैं। अवैध वसूली करने वालों पर तो पुलिस की पूरी रहमत बरस रही है। जी हां, राजधानी में पुलिस की नाक के नीचे खुलेआम ऑटो रिक्शा व ई-रिक्शा चालाकों से गुंडा टैक्स की वसूली की जा रही है। मजबूर रिक्शा चालक प्रतिदिन 110 रुपए गुंडा टैक्स देने को मजबूर हैं। कुल मिलाकर हर दिन लाखों रुपये का अवैध वसूली का खेल चल रहा है, पर पुलिस तमाशबीन बनी हुई है।
प्रमुख चौराहों पर जबरन वसूली, बदले में पर्ची/टोकन तक नहीं
शहर के प्रमुख चौराहों और टेम्पो स्टैंड पर ऑटो रिक्शा, ई रिक्शा व टेम्पो चालकों से खुलेआम अवैध पार्किंग के नाम पर गुण्डा टैक्स की वसूली की जा रही है। जिनमें आलमबाग बस स्टैंड, चारबाग रेलवे स्टेशन, पॉलीटेक्निक चौराहा, निशातगंज, मुंशी पुलिया, इंजीनियरिंग कॉलेज आदि शामिल हैं। ऑटो और टेम्पो की तुलना में ई-रिक्शा चालकों से डेढ़ गुना वसूली की जाती है। हैरानी की बात तो ये है कि इसके बदले चालकों को कोई पर्ची या टोकन तक नहीं दिया जाता। वहीं पैसे न देने पर ग्राहकों को उतारकर चालकों की गाड़ी खड़ी करवा दी जाती है और बदसलूकी की जाती है।
गाढ़ी कमाई का हर दिन 40-45 लाख गुण्डों को चढ़ावा
शहर में लगभग 34 हजार ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा व टेम्पो संचालित हैं। सभी से अलग-अलग गुंडा टैक्स की वसूली होती है। ऑटो रिक्शा से अगर 100 रुपये प्रतिदिन की वसूली होती है तो ई-रिक्शा से हर दिन डेढ़ गुना यानी लगभग 150 रुपये की वसूली की जाती है। हर चालक को प्रतिदिन अपनी गाढ़ी कमाई का 10-15 प्रतिशत गुण्डों को चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है। इस प्रकार से राजधानी में हर दिन लगभग 40-45 लाख रुपये गुण्डा टैक्स वसूली हो रही है।
गुंडा टैक्स की कमाई का बड़ा हिस्सा खाकी वर्दी को भी
गुण्डों के द्वारा प्रमुख चौराहों पर दिन-दहाड़े बेधक ऑटो, ई-रिक्श व टेम्पो वालों को बारी-बारी से रोककर अवैध वसूली की जाती है। मौके पर पुलिस विभाग के जवान भी मौजूद रहते हैं, वे देखकर भी मामले को अनदेखा करते हैं। प्रतीत होता है कि इस अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा खाकी वर्दी को भी पहुंच रहा है।
अबतक इस प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर कोई लिखित शिकायत मिलती है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी। पुलिस स्वत: संज्ञान लेते हुए भी इसपर निगरानी करेगी।
डीके ठाकुर, पुलिस कमिश्नर
शहर में कितने छोटे पैसेंजर वाहन :-
- ई रिक्शा : लगभग 27,000
- ऑटो रिक्शा : लगभग 4300
- टेम्पो : लगभग 2700
कहां कितनी गुण्डा टैक्स वसूली
क्षेत्र गुण्डा टैक्स
- आलमबाग बस स्टैंड 30 रुपये/ ऑटो
- चारबाग रेलवे स्टेशन 10 रुपये/ ऑटो
- मुंशी पुलिया 10 रुपये/ ऑटो
- पॉलीटेक्निक चौराहा 20 रुपये/ ऑटो
- इंजीनियरिंग कॉलेज 10 रुपये/ ऑटो
- निशातगंज 10 रुपये/ ऑटो
- कैसरबाग बस अड्डा 10 रुपये/ ऑटो
- अलीगंज 10 रुपये/ ऑटो
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