मुरादाबाद : यूक्रेन से 500 किलोमीटर चलकर अमन अहमद पहुंचा रोमानिया, इमिग्रेशन की औपचारिकता में उलझा
मुरादाबाद, अमृत विचार। यूक्रेन से 500 किलोमीटर चलकर देश का बेटा अमन रोमानिया तक तो पहुंच गया, लेकिन वहां जाकर इमिग्रेशन में उलझ गया है। उसके परिजनों को को उम्मीद है कि जल्द ही यह बाधा दूर हो जाएगी और वह सकुशल भारत लौट सकेगा। इधर, उसकी वापसी में हो रही देरी के चलते परिजनों …
मुरादाबाद, अमृत विचार। यूक्रेन से 500 किलोमीटर चलकर देश का बेटा अमन रोमानिया तक तो पहुंच गया, लेकिन वहां जाकर इमिग्रेशन में उलझ गया है। उसके परिजनों को को उम्मीद है कि जल्द ही यह बाधा दूर हो जाएगी और वह सकुशल भारत लौट सकेगा। इधर, उसकी वापसी में हो रही देरी के चलते परिजनों का बुरा हाल है। शहर के चक्कर की मिलक निवासी अमन अहमद वहां एमबीबीएस की पढ़ाई करता है। अमन के चाचा डा.अतीक अहमद ने बताया कि वहां का मौसम काफी ठंडा है। अमन से बात हुई है, उसने बताया कि सुबह बड़ी मुश्किल से बस पकड़कर जैसे-तैसे वह रोमानिया तक पहुंच गया। यूक्रेन से एयरपोर्ट की दूरी 500 किलोमीटर है। लेकिन, इमिग्रेशन की औपचारिकता में दिक्कत आ रही है।

कुछ इसी प्रकार यूक्रेन में फंसे निमिष सक्सेना के घर वालों ने बताया कि वह यूक्रेन से जैसे-तैसे रोमानिया तक पहुंचा है। इस कार्य में उसे अभी सरकारी स्तर पर कोई मदद नहीं मिली है। उसे रोमानिया में फ्लाइट का इंतजार है। यूक्रेन-रूस जंग के बीच भारतीय नागरिकों (छात्र छात्राओं व अन्य) के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। हालांकि अभी तक मुरादाबादियों को कोई राहत नहीं मिल पाई है।
रोमानिया के रास्ते भारत लौटने वाले छात्रों में से कुछेक ने खुद के प्रयास से थोड़ी कामयाबी तो हासिल कर ली है। लेकिन अब वह दूतावास और इमिग्रेशन (अप्रवासन) केंद्र की औपचारिकता में उलझ गए हैं। इधर, उनके परिजन अपनों की प्रतीक्षा में तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं।
अब ऊपर वाले से है उम्मीद : अपनों की वापसी के लिए अब लोगों को भगवान से ही उम्मीद है। वहां फंसे लोगों के घरों में पूजा और इबादत का सिलसिला शुरू हो गया है। लोग जिला प्रशासन के नियंत्रण कक्ष में भी बार बार अपडेट ले रहे हैं। जिला प्रशासन भी यूक्रेन में फंसे लोगों की हर सूचना का अध्ययन कर रहा है। प्रशासन के पास जिले के 27 छात्र छात्राओं के फंसे होने की सूचना है। रविवार को चक्कर की मिलक निवासी अमन, सोनकपुर हरथला के नाज जबीर, ठाकुरद्वारा के रितिक राजपूत और साकिबउल्ला के घर वालों ने प्रशासन से गुहार लगाई।
ऑपरेशन गंगा से हो रही है घर वापसी
यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए केंद्र सरकार ने ऑपरेशन गंगा शुरूकिया है। इसी के साथ एडवाइजरी भी जारी की है। इन दिनों इस एडवाइजरी की खूब चर्चा है। बताया गया है कि सरकार ने देश के लोगों को दूतावास के संपर्क में रहने और बार्डर क्षेत्र में बेवजह न जाने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल की चुनावी सभाओं में यूक्रेन में फंसे भारतीयों के स्वदेश वापसी के लिए आपरेशन गंगा की जानकारी दी है। केंद्र सरकार का कहना है कि युद्ध के बीच देश के लोगों को रोमानिया के रास्ते घर लाने का प्रयास किया जा रहा है।
स्वागत बना चर्चा का विषय
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंघिया और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा एयरपोर्ट पर छात्र-छात्राओं का स्वागत घर- घर में चर्चा का विषय बना रहा। वहीं मुरादाबाद और आसपास में किसी के अब तक वापस नहीं लौटने पर वहां फंसे बच्चों के परिजन तनाव में हैं। निमिष सक्सेना के घर वालों का कहना है कि बेटा यूक्रेन से रोमानिया तक पहुंच गया है। इस कार्य में उसे सरकारी स्तर पर कोई मदद नहीं मिली है। उसे रोमानिया में फ्लाइट का इंतजार है। शहर के चक्कर की मिलक के रहने वाले अमन अहमद के घर वालों का बच्चे के इंतजार में बुरा हाल है। अमन वहां एमबीबीएस की पढ़ाई करता है। शनिवार को सुबह उक्रेन से निकलकर दोपहर बाद रोमानिया तो पहुंच गया। लेकिन अभी प्लेन की सुविधा नहीं मिल पाई है। अमन के चाचा डा.अतीक अहमद का कहना है कि वहां का मौसम ठंडा है। अमन ने बताया कि सुबह उसे आसानी से बस नहीं मिली। लेकिन, वह किसी तरह से रोमानिया पहुंच गया। यूक्रेन से एयरपोर्ट की दूरी पांच सौ किलोमीटर है। इमीग्रेशन की औपचारिकता होनी बाकी है। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रशासन इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता पर ले रहा है। ऐसे लोगों के परिवार वालों के संपर्क में प्रशासनिक मशीनरी है। दिल्ली एयरपोर्ट से छात्र-छात्राओं को लाकर उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा।
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