मुरादाबाद : ठगी का नया तरीका, डेटिंग ऐप के जरिए बैंक खातों में जालसाज लगा रहे सेंध
मुरादाबाद/अमृत विचार। जालसाज ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए रोज नए नए तरीके अख्तियार कर रहे हैं। अभी तक लिंक भेजकर व केवाईसी के नाम पर ठगी की वारदातें तो हो ही रहीं थीं लेकिन अब डेटिंग ऐप के जरिए भी लोगों को शिकार बनाने के मामले तेजी से बढ़े हैं। चूंकि इस …
मुरादाबाद/अमृत विचार। जालसाज ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए रोज नए नए तरीके अख्तियार कर रहे हैं। अभी तक लिंक भेजकर व केवाईसी के नाम पर ठगी की वारदातें तो हो ही रहीं थीं लेकिन अब डेटिंग ऐप के जरिए भी लोगों को शिकार बनाने के मामले तेजी से बढ़े हैं। चूंकि इस तरह की ठगी के शिकार हुए लोग आम तौर पर शिकायत लेकर सामने नहीं आते, इसलिए जालसाजों का धंधा भी धड़ल्ले से चल रहा है।
हालांकि मुरादाबाद में ही करीब 200 लोग इस तरह की ठगी की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे हैं। इन सभी लोगों से करीब दस लाख रुपये की ठगी हुई है। संबंधित थाने की पुलिस साइबर सेल की मदद से इन मामलों की जांच कर रही है। पुलिस से मिले इनपुट के मुताबिक इन शिकायतों में पीड़ितों के साथ 200 से 2500 रुपये तक की ठगी की बात सामने आई है। इस तरह की ठगी के शिकार ज्यादातर 18 से 40 साल आयु वर्ग के युवा हैं। पुलिस ने इन सभी शिकायतों की जांच शुरू कर दी है। कुछेक मामले ट्रैस भी हुए हैं, हालांकि इन मामलों में गिरफ्तारी या रिकवरी अभी बाकी है।
फोन का एक्सेस लेकर होता है खेल
प्ले स्टोर पर डेटिंग ऐप की भरमार है। किसी भी ऐप को डाउनलोड करने के बाद उसे खोलने के लिए पांच से छह तरह की अनुमति देनी होती है। ई-मेल आईडी के जरिए एक्सेस होने वाले इन ऐप में कैमरा और माइक की अनुमति तो देनी ही होती है, ऐप डेवलपर इसके लिए फोन की गैलरी, फाइल आदि का भी एक्सेस मांग लेते हैं। वहीं यदि कोई व्यक्ति एक्सेस देने से मना करता है तो ऐप नहीं खुलता है। मजबूरी में लोग सभी एक्सेस दे ही देते हैं।
ऐसे होती है ठगी
ऐप खुलने के बाद किसी से वीडियो चैट करने के लिए डायमंड कार्ड जरूरी होता है। यह डायमंड कार्ड ऐप डवलपर यहीं पर 200 से 2500 रुपये तक में उपलब्ध कराता है। यह रकम पहले ही जमा करनी होती है, लेकिन अक्सर खाते में यह डायमंड क्रेडिट नहीं होते। वहीं जब क्रेडिट नहीं मिलने की शिकायत लोग करते हैं तो ऐप डवलपर या तो जवाब नहीं देते या फिर उल्टे सीधे तर्क देने लगते हैं। वहीं, कई बार जिस क्रेडिट या डेबिट कार्ड से डायमंड खरीदने के लिए भुगतान किया जाता है, उस खाते से जालसाज ट्रांजेक्शन करना शुरू कर देते हैं।
ई-मेल के जरिए ही आती हैं कुछ शिकायतें
साइबर अपराध के जानकारों के मुताबिक इस तरह के मामले खूब आ रहे हैं, लेकिन ज्यादातर लोग बदनामी के डर से सामने ही नहीं आते। केंद्रीय गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर ई-मेल के जरिए इस तरह की कुछ शिकायतें जरूर आती हैं, लेकिन इनमें भी पीड़ित अपना मूल पता देने के बजाय केवल ई-मेल आईडी का ही जिक्र करते हैं।
क्या करें-क्या ना करें
कभी भी गैर सत्यापित ऐप डाउनलोड ना करें।
किसी ऐप को डाउनलोड करने से पूर्व उसके रिव्यू जरूर पढ़े।
किसी भी ऐप को खोलने के लिए गैर जरूरी अनुमति ना दें।
फाइल और गैलरी में एक्सेस की अनुमति देने से पहले विचार कर लें।
किसी तरह की ठगी होने पर तत्काल संबंधित थाने में संपर्क करें।
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