लखीमपुर-खीरी: अफसरों ने उतारी थकान, दफ्तरों पर पसरा रहा सन्नाटा

अमृत विचार, लखीमपुर-खीरी। मतगणना के दूसरे दिन सरकारी दफ्तरों पर सन्नाटा पसरा रहा। अफसरों से लेकर कर्मचारी तक थकान उतारते रहे। हालांकि पुलिस अधीक्षक और डीएम कार्यालय के विभिन्न पटलों पर कुछ कर्मचारी जरूर नजर आए। फरियादियों की भी भी संख्या काफी कम रही, जो फरियादी आए भी वह अफसरों के नाम मिलने से मायूस …
अमृत विचार, लखीमपुर-खीरी। मतगणना के दूसरे दिन सरकारी दफ्तरों पर सन्नाटा पसरा रहा। अफसरों से लेकर कर्मचारी तक थकान उतारते रहे। हालांकि पुलिस अधीक्षक और डीएम कार्यालय के विभिन्न पटलों पर कुछ कर्मचारी जरूर नजर आए। फरियादियों की भी भी संख्या काफी कम रही, जो फरियादी आए भी वह अफसरों के नाम मिलने से मायूस होकर उलटे पांव लौट गए।
जिले में चौथे चरण में विधानसभा चुनाव हुआ था। 23 फरवरी को मतदान हुआ था। गुरुवार को मतगणना हुई थी।
मतगणना की तैयारियों को लेकर प्रशासन कई दिनों से जुटा था। मतगणना कार्य में लगे अधिकारी और कर्मचारी बुधवार से लेकर गुरुवार की देर रात तक अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करते रहे। पुलिस के जवान भी पूरी मुश्तैदी के साथ डटे रहे। इससे अधिकारी और कर्मचारियों ने थकान महसूस की। शुक्रवार को डीएम कार्यालय, पुलिस अधिकक्षक कार्यालय के साथ ही विकास भवन के दफ्तर तो खुले, लेकिन अधिकारियों के न आने से दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा। कर्मचारियों की भी संख्या काफी कम रही। डीएम कार्यालय में कुछ पटलों पर कर्मचारी बैठे दिखाई दिए, लेकिन वह भी थकान उतारते ही नजर आए।
यही हाल पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी दिखने को मिला। एएसपी कार्यालय, गोपनीय कार्यालय, एसपी रीडर, आंकिक शाखा आदि में कर्मचारी तो आए, लेकिन अधिकतर पटल खाली पड़े रहे। एसपी और डीएम भी दफ्तरों पर नहीं पहुंचे। मतगणना के दूसरे दिन फरियादियों की भी संख्या काफी कम रही। इक्का-दुक्का फरियादी पुलिस अधीक्षक कार्यालय, डीएम कार्यालय के अलावा विकास भवन में दिखाई दिए, लेकिन कर्मचारियों और अधिकारियों के न होने से उन्हें मायूस होकर घर वापस लौटना पड़ा।
थाना संपूर्णानगर के बसही से आए सूरज कुमार ने बताया कि वह पेंशन के सिलसिले में आए थे, लेकिन कोई अधिकारी व कर्मचारी नहीं मिला। कोतवाली धौरहरा क्षेत्र से आए संजीव कुमार ने बताया कि उनके साथ हमलावरों ने मारपीट की थी, जिसमें पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। इसकी शिकायत करने के लिए एसपी से मिलने आए थे, लेकिन पुलिस वालों ने बताया कि आज कप्तान साहब नहीं हैं।
चुनाव परिणामों की होती रही चर्चा
सरकारी कार्यालयों और दफ्तरों में चुनाव परिणामों पर कर्मचारी आपस में चर्चा करते रहे। कोई कह रहा था कि उम्मीद नहीं थी कि भाजपा दोबारा भी आठों सीटों पर कब्जा करेगी तो कोई योगी और मोदी के चेहरे पर भाजपा के पक्ष में वोट दिया है, क्योंकि कुछ सीटों पर माननीयों के व्यवहार और कार्य न करने से लोगों में प्रत्याशी के प्रति नाराजगी थी, लेकिन वह वोट भाजपा को ही देना चाहता था। सपा, कांग्रेस और बसपा की जमीन खिसकने की भी चर्चा कलक्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय समेत अन्य दफ्तरों पर भी होती रही।
सोशल मीडिया पर समीकरणों को लेकर कसे जाते रहे तंज
मतगणना के दिन से ही सोशल मीडिया पर परिणामों को लेकर कई तरह से लोग कयास लगाते रहे। भाजपा की बढ़त के साथ ही लोग चुनाव पार्टियों का नाम लेने से बतचे रहे, लेकिन दलों के चुनाव चिह्न साइकिल, हाथी आदि को लेकर खूब तंज कसे। सोशल मीडिया पर जुड़े लोग वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर भी समीकरण बैठाते रहे। कोई दलित वोटों का विखराव से भाजपा को फायदा मिलने का दावा कर रहा था तो कोई सरकार की योजनाएं के साथ योगी और मोदी फैक्टर को मान रहा था। लोगों का कहना था कि दलित वोट खिसकने से कांग्रेस और बसपा को करारा झटका इस चुनाव में लगा है।
अरविंद गिरी को मंत्रिमंडल में मिल सकती है जगह
विधानसभा गोला गोकर्णनाथ से भाजपा के विधायक अरविंद गिरी एक बार फिर जीत गए हैं। वैसे तो वह सपा से तीन बार इसी सीट से लगातार विधायक रहे। वर्ष 2017 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज कराई थी। इस बार भी भाजपा ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा था और उनकी विजय भी हुई। जिले के अरविंद गिरि ऐसे पहले विधायक हैं जो लगातार पांचवी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इस बार उनके योगी के मंत्रिमंडल में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं, क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान 21 फरवरी को गोला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोला को मंत्रिमंडल में शामिल करने के संकेत भी मंच से दिए थे। इसको लेकर विधायक अरविंद गिरि के मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई है
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