पूर्व छात्र नेता बने चिली के सबसे युवा राष्ट्रपति, जानिए कौन हैं गेब्रियल बोरिक
सैंटियागो। वामपंथी झुकाव वाले पूर्व छात्र नेता गेब्रियल बोरिक ने शुक्रवार को चिली के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। बोरिक ने अपेक्षाकृत विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था होने के बावजूद हाल के वर्षों में असमानता को लेकर बार-बार बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों को झेलने वाले चिली में राजनीतिक और आर्थिक सुधार का संकल्प जताया। Gabriel Boric …
सैंटियागो। वामपंथी झुकाव वाले पूर्व छात्र नेता गेब्रियल बोरिक ने शुक्रवार को चिली के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। बोरिक ने अपेक्षाकृत विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था होने के बावजूद हाल के वर्षों में असमानता को लेकर बार-बार बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों को झेलने वाले चिली में राजनीतिक और आर्थिक सुधार का संकल्प जताया।
Gabriel Boric signs off with Salvador Allende’s last words, followed by “¡Seguimos! !Viva Chile!”
A special night ?? pic.twitter.com/gjWCuNaEMu
— John Bartlett (@jwbartlett92) March 11, 2022
दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र के इतिहास में बोरिक (36) सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति हैं। वह केवल चार साल के थे जब 17 साल की सैन्य तानाशाही के बाद देश में लोकतंत्र बहाल हुआ था, जिसने आधुनिक चिली के लिए आधार तैयार किया। बोरिक ने संकल्प जताया है कि उनकी युवा, समावेशी सरकार 1973 से 1990 तक जनरल अगस्टो पिनोशे के शासन के दौरान लागू मुक्त बाजार मॉडल से उपजी गरीबी और असमानता को दूर करेगी।
उनका चार साल का कार्यकाल ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब संविधान सभा देश के लिए पिनोशे के शासन में अपनाए गए संविधान को बदलने के लिए एक नया संविधान तैयार कर रही है। सीनेट के सोशलिस्ट पार्टी के नेता अलवारो एलिजाल्डे ने बंदरगाह शहर वालपराइसो में संसद भवन में समारोह के दौरान बोरिक के कंधों पर राष्ट्रपति का प्रतीक चिह्न पहनाया। इसके तुरंत बाद, बोरिक ने अपने कैबिनेट नेता के तौर पर शपथ ली। बोरिक की कैबिनेट में 14 महिलाएं और 10 पुरुष शामिल हैं।
दिसंबर में हुए चुनाव में रूढ़िवादी जोस एंटोनियो कास्ट के खिलाफ बोरिक को 56 प्रतिशत वोट मिले। उन्होंने हाल में कहा, ”हमें कदम दर कदम बदलाव करना होगा क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पीछे हटने का जोखिम बहुत अधिक है।” चिली को लंबे समय से लैटिन अमेरिका की सबसे बड़ी आर्थिक सफलता वाले देशों में से एक के रूप में देखा जाता रहा है।
लेकिन पिछले एक दशक में इसे बार-बार कई बड़े विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा है, जिनमें बेहतर शिक्षा, पेंशन और स्वास्थ्य देखभाल के साथ-साथ धन के अधिक समतावादी वितरण की मांग को लेकर कुछ आंदोलन बोरिक के नेतृत्व में हुए हैं।
