मनीलॉन्ड्रिंग मामला: सुप्रीम कोर्ट नवाब मलिक की याचिका पर सुनवाई को सहमत

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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मनीलॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक की रिहाई की मांग संबंधी उनकी याचिका पर शीघ्र सुनवाई की गुहार बुधवार को स्वीकार कर ली। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने श्री मलिक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के …

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मनीलॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक की रिहाई की मांग संबंधी उनकी याचिका पर शीघ्र सुनवाई की गुहार बुधवार को स्वीकार कर ली। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने श्री मलिक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

श्री सिब्बल ने ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान पीठ के समक्ष शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि उन्हें (नवाब मालिक) अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने जिस कानून के तहत गिरफ्तार किया था, वह 2005 में लागू किया गया था लेकिन उन पर लगाए गए आरोप 2000 के पहले के लेन-देन से जुड़े हुए हैं।

मुख्य न्यायाधीश ने श्री मलिक की शीघ्र सुनवाई की अर्जी स्वीकार करते हुए कहा, “हां हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।” श्री मलिक के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस आधार पर 23 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से वह जेल में बंद हैं। श्री मलिक ने बांबे उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत के लिए गुहार लगाई थी लेकिन निराशा हाथ लगी। उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को उनकी याचिका अस्वीकार कर दी। इसके बाद उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।

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