बहराइच: लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों ने कहा- SC के फैसले का सम्मान
बहराइच। लखीमपुर हिंसा में जिले के दो किसानों की मौत हुई थी। हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए पांच दिन में जेल भेजने के निर्देश दिए हैं। इस पर मृतक किसान के भाई और पिता ने बयान देते हुए कड़ी सजा की मांग की है। कृषि कानून के …
बहराइच। लखीमपुर हिंसा में जिले के दो किसानों की मौत हुई थी। हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए पांच दिन में जेल भेजने के निर्देश दिए हैं। इस पर मृतक किसान के भाई और पिता ने बयान देते हुए कड़ी सजा की मांग की है।
कृषि कानून के विरोध में लखीमपुर के तिकुनिया में चल रहे धरना में शामिल होने के लिए जिले के किसान भी काफी संख्या में पहुंचे थे। तिकुनिया कोतवाली के बनवीरपुर गांव में तीन अक्टूबर 2021 को चल रहे धरने में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा की चार पहिया वाहन किसानों के ऊपर चढ़ गया था।। जिसमें नानपारा नगर के बंजारन टांडा निवासी किसान दलजीत सिंह और मटेरा के मोहरनिया निवासी गुरविंदर सिंह की मौत हो गई थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र को किसानों की हत्या के आरोप में जेल भेजा गया था।
सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर की
लखनऊ उच्च न्यायालय ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी। जमानत पर किसान संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर की। शनिवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा की जमानत खारिज करते हुए पांच दिन में आशीष को जेल भेजने के निर्देश दिए। जिस पर मृतक किसान के परिवार में न्याय की आस जगी है। मृतक किसान गुरविंदर के पिता सुखविंदर सिंह ने कहा कि कोर्ट ने फैसला सुनाया है। लेकिन नेपाल सीमा से जिला सटा होने के चलते आरोपी भाग सकता है। उसकी तत्काल गिरफ्तारी हो।
बंजारन टांडा निवासी मृतक किसान दलजीत सिंह के भाई जगतजीत सिंह ने कहा कि कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है। लेकिन आरोपी को पांच दिन का समय नहीं देना चाहिए। उसकी आज ही गिरफ्तारी हो। उन्होंने कहा कि हमने अपना भाई और पड़ोसी गांव के किसान ने अपना बेटा खोया है। जिसका दर्द हम ही महसूस कर सकते हैं। हम आशीष मिश्रा और उसके पिता को नेता नहीं मानते हैं।
