रामपुर: यूक्रेन में हो रही हिंसा बर्दाश्त के काबिल नहीं- नवेद

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रामपुर,अमृत विचार। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने कहा है कि यूक्रेन में हो रही हिंसा बर्दाश्त के काबिल नहीं है। संकट में भारत के लोग यूक्रेन के साथ हैं और भारत सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णय सही हैं। इस हिंसा से रामपुर के भी काफी छात्रों का भविष्य अंधकारमय …

रामपुर,अमृत विचार। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने कहा है कि यूक्रेन में हो रही हिंसा बर्दाश्त के काबिल नहीं है। संकट में भारत के लोग यूक्रेन के साथ हैं और भारत सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णय सही हैं। इस हिंसा से रामपुर के भी काफी छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

भारत के लोगों को यूक्रेन में हो रहे अत्याचार और अमानवीयता के बारे में समझाने के लिए नई दिल्ली में वसंत विहार स्थित दूतावास में चल रही प्रदर्शनी के समापन कार्यक्रम में पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां को भी आमंत्रित किया गया था। यूक्रेन के भारत में राजदूत डॉ. इगोर पोलिखा ने उन्हें अपने देश में हो रहे अत्याचारों से अवगत कराया।

नवेद मियां ने राजदूत से कहा कि भारत के लोग इस संकट में यूक्रेन के साथ हैं और भारत सरकार इस दिशा में सही निर्णय ले रही है। कहा कि यूक्रेन में जारी हिंसा में सैकड़ों निर्दोष लोग मारे गए हैं। लोगों के साथ भीषण क्रूरता बरती गई। लाखों लोगों ने भागकर पूर्वी यूरोपीय देशों में शरण ली। हिंसा शुरू होने के बाद से यूक्रेन में कम से कम एक करोड़ लोग बेघर हो गए हैं।

नवेद मियां ने कहा कि रामपुर के भी अनेकों छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे थे। यूक्रेन पर हमले के बाद उन्हें भी वापस लौटना पड़ा। हमारे जिले के छात्रों का भविष्य भी प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि राजनयिक हर्ष कुमार जैन को यूक्रेन में भारत के नए राजदूत के रूप में भेजा गया है और भारत सरकार इस दिशा में सही निर्णय ले रही है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर भी यूक्रेन की सहायता के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं।

यूक्रेन-रूस युद्ध से रामपुर के छात्र-छात्राओं का अधर में भविष्य
रामपुर। यूक्रेन-रूस युद्ध से रामपुर के करीब तीन दर्जन एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। रामपुर के किसी छात्र का एमबीबीएस का पहला साल है तो किसी का आखिरी साल है। लेकिन, युद्ध छिड़ जाने के बाद से रामपुर के छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। जबकि, कुछ छात्र-छात्राओं को आस है कि अमन होगा और उनकी आगे की पढ़ाई एक बार फिर शुरू हो सकेगी।

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