अयोध्या: मेडिकल कॉलेज में नहीं है बेबी केयर यूनिट, कमीशन के चक्कर में मरीजों को भेजा जा रहा प्राइवेट नर्सिंग होम
अयोध्या। दर्शननगर स्थित मेडिकल कॉलेज में बच्चों के लिए न्यू बॉर्न बेबी केयर यूनिट न होने का लाभ यहां के चिकित्सक और स्टाफ उठा रहे हैं। ऐसे बच्चों को जिला महिला अस्पताल में बने यूनिट में न रेफर कर निजी नर्सिंग होम भेजा जाता है, जिसके चलते बतौर कमीशन मोटी रकम की उगाही की जाती …
अयोध्या। दर्शननगर स्थित मेडिकल कॉलेज में बच्चों के लिए न्यू बॉर्न बेबी केयर यूनिट न होने का लाभ यहां के चिकित्सक और स्टाफ उठा रहे हैं। ऐसे बच्चों को जिला महिला अस्पताल में बने यूनिट में न रेफर कर निजी नर्सिंग होम भेजा जाता है, जिसके चलते बतौर कमीशन मोटी रकम की उगाही की जाती है।
बताया जाता है कि ऐसे नवजात बच्चे जिनके पैदा होने के तत्काल बाद पीलिया, सांस लेने में परेशानी या दूध न पीने की समस्या या वजन कम होने की तकलीफ होती है उन्हें न्यू बोर्न बेबी केयर यूनिट के वार्मर में रखा जाता है। जहां निश्चित तापमान में बच्चे को रखा जाता है। यूनिट में रखे जाने वाले बच्चे संक्रमण से भी बचे रहते हैं।
जांच का पैसा अलग से देना पड़ रहा है
राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज दर्शननगर में यूनिट की व्यवस्था न होने पर नवजात शिशुओं को वार्मर में रखने के लिए स्टाफ प्राइवेट नर्सिंग होम भेज रहे हैं। जहां प्राइवेट नर्र्सिंग होम के संचालक मरीजों से प्रति दिन का चार से पांच हजार रुपया वसूल रहे हैं, जबकि दवा व जांच का पैसा अलग से देना पड़ रहा है।
नवजात शिशुओं के परिजनों को प्राइवेट अस्पतालों में 20 से 25 हजार रुपए देना पड़ रहा है। गौरतलब है कि शासन की ओर से जिला महिला चिकित्सालय में इस यूनिट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। फिर भी चिकित्सक वह स्टाफ कमीशन के चक्कर में देवकाली स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम में नवजात शिशुओं को भेज कर कमीशनबाजी कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. अरविंद सिंह ने बताया कि मेरी जानकारी में नहीं है। यदि कोई स्टाफ ऐसा कर रहा है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शासन को पत्र भेजकर यूनिट की मांग की जा रही है। मेडिकल कॉलेज में एसएनसीयू होना बहुत ही जरूरी है।
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