लखनऊ : 28 साल पुराने केस में आया फैसला, पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप समेत 12 अभियुक्त बरी

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लखनऊ, अमृत विचार । लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के दौरान दो गुटों में गोलाबारी, जानलेवा हमला और बलवा करने के 28 साल पुराने मामले में आरोपी पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप सहित 12 लोगों को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। पत्रावली के अनुसार हसनगंज …

लखनऊ, अमृत विचार । लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के दौरान दो गुटों में गोलाबारी, जानलेवा हमला और बलवा करने के 28 साल पुराने मामले में आरोपी पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप सहित 12 लोगों को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

पत्रावली के अनुसार हसनगंज के दरोगा बीएस सिंह ने 21 फरवरी 1994 को मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव होने वाले थे जिसमें छात्रसंघ महामंत्री ओंकार भारती ‘बाबा’ और अरविंद सिंह गोप अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहे हैं और इसी प्रचार की रंजिश को लेकर 21 फरवरी को दिन में ओंकार भारती और अरविंद सिंह गोप के समर्थक छात्र हथियारों से लैस होकर कैशियर ऑफिस के सामने आपस में भिड़ गए और गाली गलौज, मारपीट करते हुए एक दूसरे पर गोलियां और बम चलाना शुरू कर दिया।

गोली और बम की आवाज सुनकर पुलिस पहुंच गई और मौके से ओंकार भारती और मेराज को कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया गया, घटनास्थल से ही अरविंद सिंह गोप को भी गिरफ्तार किया गया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एवं आरोपी ओंकार भारती ‘बाबा’ की मृत्यु हो गई थी। जबकि अन्य आरोपी पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, मेराज अहमद, मनोज सिंह, प्रद्युम्न वर्मा, विवेकानंद, शैलेंद्र सिंह, विष्णुकांत पांडे, मुकेश शुक्ला, जितेंद्र मिश्र, राजीव कुमार सिंह, धीरेंद्र सिंह व रमेश सिंह के विरुद्ध मुकदमे का विचारण विशेष अदालत द्वारा किया गया।

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