लखनऊ: रक्षाबंधन पर गुरुजनों को राखी बांधकर जैन समाज ने मनाया रक्षा पर्व
लखनऊ। राजधानी के इन्दिरा नगर स्थित जैन मंदिर में आज रक्षाबंधन के अवसर पर धार्मिक मंगल महोत्सव मनाया गया । इस अवसर पर आचार्य दयासागर जी के पावन सानिध्य में पिच्छी पर धागा बांधकर भक्तों ने प्राणियों की रक्षा का संकल्प लिया। दरअसल, हिन्दु व जैन धर्म की साझा संस्कृति का प्राचीन इतिहास रहा है। …
लखनऊ। राजधानी के इन्दिरा नगर स्थित जैन मंदिर में आज रक्षाबंधन के अवसर पर धार्मिक मंगल महोत्सव मनाया गया । इस अवसर पर आचार्य दयासागर जी के पावन सानिध्य में पिच्छी पर धागा बांधकर भक्तों ने प्राणियों की रक्षा का संकल्प लिया। दरअसल, हिन्दु व जैन धर्म की साझा संस्कृति का प्राचीन इतिहास रहा है। जिस प्रकार हिन्दु धर्म में रक्षाबंधन को लेकर मान्यताएं हैं,उसी प्रकार जैन धर्म में रक्षाबंधन पर्व को मनाने के पीछे अलग ही मान्यता है।

बताया जा रहा है कि हजारो साल पहले 700 मुनिराज के ऊपर अन्याय हो रहा था,उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। तब आचार्य विष्णु कुमार मुनि को 700 मुनिराज के समस्याओं का आभास हुआ, विष्णुकुमार मुनि ने अपनी ऋद्धियों का प्रयोग कर उनकी रक्षा की तब से यह रक्षापर्व जैन समाज मनाता आ रहा है। जैन समाज इस अवसर पर अपने गुरूजनों व बड़े जनों को राखी बांधकर अपनी रक्षा की कामना करते हैं। इसी के तहज आज इन्दिरा नगर स्थित जैन समाज के बहुत से लोगों ने आचार्य दयासागर जी के पावन सानिध्य में दिगम्बर परम्परा के चिन्ह पिच्छी (मोर पंख की पिच्छी) पर रक्षा सूत्र बांधकर जगत के सभी प्राणियों के रक्षा की कामना की।

इस अवसर पर संजीव जैन ने बताया कि रक्षाबंधन का पर्व जैन धर्म में विशेष स्थान रखता है,आज के ही दिन हजारों साल पहले सात सौ मुनिराज के साथ बहुत ही कठिन उपसर्ग किया गया था,जिसको दूर किया गया। यह दिवस प्रेरणा देता है, हम लोगों को आज के दिन जिस प्रकार सात सौ मुनिराजों का कष्ट दूर किया था, उस वक्त जो वातसल्य व करूणा भाव दिखाई पड़ा था, वहीं भाव हम लोगों में बना रहना चाहिए,रक्षा करने का भाव हर व्यक्ति के मन में रहना चाहिए, हर व्यक्ति यह सोंचे कि जो भी गुणी जन, मित्र, सगे संबंधी है उनकी सुरक्षा की जाये,साथ ही शत्रु के साथ भी घात न होने पाये।
ऐसा विचार मन में रखना चाहिए,सबकों जीने का अधिकार है। हमें कोई अधिकार नहीं कि किसी के जीवन को छीने या फिर उसके मन को कष्ट पहुंचायें। जैन समाज, इन्दिरा नगर के मंत्री अभिषेक जैन ने बताया कि आज रक्षाबंधन के दिन अकंपनाचार्य आदि 700 मुनियो के ऊपर उपसर्ग हुआ था, जिसे ऋद्धि धारी मुनिराज विष्णुकुमार मुनि ने दूर किया था, उस दिन से जैन धर्म में रक्षाबंधन पर्व मनाया जाने लगा । भक्तजन ऋषि मुनियों की पिच्छिका मे राखी बांध कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, आज यहीं संदेश गुरवर ने अपने प्रवचनों में भी दिया कि हमें प्राणी मात्र की रक्षा करने के लिए संकल्प बद्ध रहना चाहिए।

हमारे समाज व धर्म पर किसी प्रकार की अड़चन हो तो हमें अडिग होकर खड़े हो जाना चाहिए,जिससे किसी प्रकार का अघात समाज के किसी व्यक्ति अथवा साधू पर न हो सके हैं। आज आचार्य श्री दयासागर जी महाराज की पिच्छिका मे सर्वप्रथम स्वर्ण की राखी बांधने का सौभाग्य शालू एवं उनकी माता कौशल जैन को प्राप्त हुआ । मंत्री अभिषेक जैन ने बताया की 12 अगस्त को विश्व शांति की कामना से महायज्ञ मंदिर मे आचार्य श्री के सानिध्य मे किया जाएगा एवं 13 अगस्त से 20 अगस्त तक एक योग साधना शिविर का भी आयोजन इन्दिरा नगर जैन मंदिर मे किया जा रहा है ।
भोपाल से प्रतिष्ठाचार्य कमलकुमार कमलांकुर ने कहा कि यह धार्मिक मंगल महोत्सव कराने के लिए मैँ आमंत्रित हुआ हूं, पिच्छी का महत्व बहुत बड़ा है, यह मोर पंख से बनता है,संसार में सबसे कोमल कोई वस्तु है तो वह मोर पंख है। पिच्छी दिगम्बर परम्परा का एक चिन्ह है इसलिए सबलोग पिच्छी में धागा बांधकर एक संकल्प लेते हैं कि हमआज से अपनी संस्कृत की रक्षा करंगे। उन्होंने बताया कि वैष्णव ,हिन्दु व जैन परम्परा में रक्षाबंधन का विशेष महत्व होता है।
तीर्थंकर श्रेयांशनाथ को समर्पित किया गया विशाल मोक्ष लाडू
इन्दिरा नगर स्थित जैन मंदिर मे तहत चल रहे दिगंबर जैन संत आचार्य श्री 108 दयासागर जी महाराज के चातुर्मास के दौरान तीर्थंकर श्रेयांशनाथ का मोक्ष कल्याणक बड़ी ही धूम धाम से मनाया गया । इस दौरान सर्वप्रथम भगवान को पांडुक्षिला पर विराजमान कर स्व्रन कलशों से भगवान का अभिषेक संजय जैन ने किया। उसे बाद विश्वशांति की कामना से संजीव जैन एवं अनिमेष जैन द्वारा शांतिधारा की गई । आचार्य श्री द्वारा मंत्रोचार करते हुये सम्पूर्ण विश्व मे शांति हो ऐसा आशीर्वाद प्रदान किया ।
संगीतमई भक्ति पूर्वक भगवान श्रेयांशनाथ का पूजन हुआ,वहीं निर्वाण कांड पढ़ते हुये भगवान का मोक्ष कल्याणक का अर्घ समर्पित कर लाडू चढ़ाया गया इस अवसर जैन समाज के अध्यक्ष अनूप जैन ने उपस्थित सभी गढ्मान्य व्यक्तियों का स्वागत किया । कार्यक्रम मे मुख्य रूप से मनोज जैन अतिशय जैन अनुरोध जैन अपर्णा जैन शिप्रा जैन सुदीप जैन अनिल जैन विद्युत जैन उपस्थित हुये ।
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