बरेली: पेंशन-स्टांप शुल्क घोटालों पर पर्दा, दोषी अधिकारी-कर्मचारी काट रहे मौज
बरेली, अमृत विचार। सरकारी अधिकारी और कई कर्मचारियों ने पेंशन और स्टांप शुल्क की धनराशि में जमकर घोटाला किया। कई साल तक निरंतर घोटाले का खेल खेलते रहे और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब हरदोई और बदायूं के दातागंज के उप कोषागार में घोटाला उजागर हुआ तो शासन तक अधिकारियों की कुर्सी …
बरेली, अमृत विचार। सरकारी अधिकारी और कई कर्मचारियों ने पेंशन और स्टांप शुल्क की धनराशि में जमकर घोटाला किया। कई साल तक निरंतर घोटाले का खेल खेलते रहे और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब हरदोई और बदायूं के दातागंज के उप कोषागार में घोटाला उजागर हुआ तो शासन तक अधिकारियों की कुर्सी हिल गई थी, लेकिन अधिकारी दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं कर सके। कुछ दोषी हाईकोर्ट की शरण में चले गए। इसलिए उनकी संपत्तियों की नीलामी भी नहीं हो सकी है।
हरदोई में वर्ष 2009 से 20016 के मध्य फर्जी पीपीओ जारी कर पेंशन की 5.45 करोड़ की धनराशि और उप कोषागार दातागंज में 2012 से लेकर 2019 तक स्टांप शुल्क की 5.08 करोड़ रुपये की धनराशि गबन के इस खेल पर ऐसे पर्दा पड़ा कि दोषी अधिकारी और कर्मचारी मौज काट रहे हैं। वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं।
गबन की गई करोड़ों की धनराशि की अभी तक वसूली तक नहीं हुई। इससे राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। आरोपी हाईकोर्ट से स्टे ले गए, इसलिए उनकी संपत्तियां भी नीलाम नहीं हो सकी हैं। कुछ दिन पहले वित्त विभाग के विशेष सचिव जय शंकर दुबे ने बरेली, औरैया, बदायूं, हरदोई, सीतापुर और लखनऊ के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को बुलाकर घोटालों की धनराशि वसूलने के साथ आरोपियों पर कार्रवाई की प्रगति जानी थी।
बर्खास्त उप रोकड़िया नीलामी से बचने को ले आया स्टे
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बरेली संतोष बहादुर सिंह ने बैठक में बताया था कि संजय नगर क्षेत्र निवासी बर्खास्त उप रोकड़िया हरीश कुमार के विरुद्ध आरसी जारी हो चुकी है। चल संपत्ति की कुर्की का नोटिस जारी कर संपत्ति का मूल्यांकन भी कराया गया लेकिन आरोपी ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद से 20 मई को वसूली प्रक्रिया पर स्टे ले लिया। इस वजह से वसूली नहीं हुई। दो करोड़ से अधिक की धनराशि वसूली जानी है।
बर्खास्त लेखाकार से 1 करोड़ में से महज 2 लाख की ही वसूली
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बदायूं संतोष कुमार वैश्य ने बैठक में बताया कि राजेश सागर लेखाकार पदच्युत कोषागार पर गबनित धनराशि 1 करोड़ 1 लाख 79 हजार 622 रुपये के सापेक्ष 2 लाख चार हजार रुपये की संपत्ति की नीलामी हो गयी है।
हरदोई में 5.45 करोड़ में से 2.39 करोड़ ही वसूली गई
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व हरदोई वंदना त्रिवेदी ने बताया कि कुल गबन की गई धनराशि 5 करोड़ 45 लाख 88 हजार 881 रुपये के सापेक्ष 25 जुलाई तक कुल दो करोड़ 39 लाख 86 हजार 929 रुपये की वसूली कर ली गई है। बैठक के दौरान जिलाधिकारी हरदोई के पत्र की प्रति उपलब्ध कराई गयी। जिसमें मांग समाप्त/नकाबिल वसूल अवशेष प्रकरणों की वसूली के संबंध में मार्ग दर्शन प्रदान करने का अनुरोध किया गया।
तहसीलदार ने न्यायालय से ले लिया स्थगनादेश
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व औरैया रेखा एस चौहान ने बताया कि जीतेश वर्मा तहसीलदार द्वारा न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त कर लिया गया है। इसके साथ विभागीय कार्रवाई से उन्हें दोषमुक्त किया जा चुका है।
दोषी तहसीलदार को दे दी क्लीनचिट, गबन की धनराशि नहीं वसूली
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सीतापुर राम भरत तिवारी ने बैठक में बताया कि रवींद्र प्रताप सिंह तत्कालीन उप कोषाधिकारी/तहसीलदार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जांच की गई। जिसमें जांच अधिकारी ने तहसीलदार को दोषी न पाए जाने के कारण विभागीय कार्रवाई भी स्थगित कर दी। रवींद्र प्रताप सिंह तहसीलदार सिधौली जनपद सीतापुर से गबन की धनराशि 5 लाख 33 हजार 780 रुपये जमा कराए जाने के संबंध में मार्गदर्शन लेने की बात बताई। कहा कि आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद को 6 अप्रैल को पत्र भेजा गया था जो प्रतीक्षित है।
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