बिहार: 91 वर्षीय बुजुर्ग ने सात दिनों में 450 राष्ट्रीय ध्वज सिले, एक सप्ताह हर दिन करते थे 12 घंटे कड़ी मेहनत

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पटना। बिहार के 91 वर्षीय ग्रामीण ने एक सप्ताह तक हर दिन करीब 12 घंटे कड़ी मेहनत करते हुए 450 राष्ट्रीय ध्वज सिलाई मशीन से सिलकर तैयार कर दिये। नेपाल की सीमा से लगे सुपौल जिले के एक गांव के रहने वाले लालमोहन पासवान खुद को ‘‘गांधीवादी’’ कहते हैं और जवाहरलाल नेहरू एवं राजेंद्र प्रसाद …

पटना। बिहार के 91 वर्षीय ग्रामीण ने एक सप्ताह तक हर दिन करीब 12 घंटे कड़ी मेहनत करते हुए 450 राष्ट्रीय ध्वज सिलाई मशीन से सिलकर तैयार कर दिये। नेपाल की सीमा से लगे सुपौल जिले के एक गांव के रहने वाले लालमोहन पासवान खुद को ‘‘गांधीवादी’’ कहते हैं और जवाहरलाल नेहरू एवं राजेंद्र प्रसाद को अपने आदर्श बताते हैं। पासवान दृढ़ता से मानते हैं कि महात्मा गांधी का ‘‘अहिंसा’’ का संदेश संघर्षग्रस्त दुनिया के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।

पासवान ने कहा, ‘‘जब मुझे एक सप्ताह के भीतर 450 तिरंगे की आपूर्ति करने का ऑर्डर मिला, तो मुझे पता था कि यह मेरे लिए एक कठिन काम है, खासकर मेरी उम्र को देख हुए। हालांकि यह एक नेक काम था और मुझे गर्व है कि स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले जितनी संख्या में झंडे मांगे गए थे मैंने उन्हें देने का काम पूरा किया।’’

यह ऑर्डर ‘हेल्पएज इंडिया’ द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ अभियान के तहत दिया गया था, जो वंचित और निराश्रित बुजुर्गों के लिए काम करने वाला एक गैर-लाभकारी संगठन है। यह संगठन बुजुर्गों को आजीविका कार्यक्रम के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाता है। सुपौल में हेल्पएज इंडिया के जिला कार्यक्रम समन्वयक ज्योतिष झा ने कहा, ‘‘झंडों की आपूर्ति स्थानीय स्कूलों और कार्यालयों में की जानी थी।

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