संभल : जिले को जल्द मिल सकती है रोडवेज डिपो की सौगात
संभल /चन्दौसी, अमृत विचार। जिला संभल के लोगों के लिए अच्छी खबर है। जल्दी ही जिले को रोडवेज बस डिपो की सौगात मिल सकती है। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी के प्रयासों से स्थानीय प्रशासन तैयारी में जुट गया है। चंदौसी में पॉवर हाउस की जमीन …
संभल /चन्दौसी, अमृत विचार। जिला संभल के लोगों के लिए अच्छी खबर है। जल्दी ही जिले को रोडवेज बस डिपो की सौगात मिल सकती है। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी के प्रयासों से स्थानीय प्रशासन तैयारी में जुट गया है। चंदौसी में पॉवर हाउस की जमीन पर डिपो बनाया जा सकता है। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को भूमि का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट एक सप्ताह में उपलब्ध कराने को कहा है।
जिला संभल की स्थापना 28 सितंबर 2011 को मायावती सरकार के कार्यकाल में हुई थी। जनपद का नाम भीमनगर रखा गया था। लेकिन बाद में जिले का नाम बदलकर संभल हो गया। भले जनपद की स्थापना हो गई हो, लेकिन अभी जनपदवासी बहुत सी सुविधाओं से वंचित हैं। इसका कारण अब तक जन प्रतिनिधियों की उदासीनता रही है। जनपद में डिपो न होने से भी लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सुविधा का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। चन्दौसी में डिपो स्थापित होने के बाद सभी मार्गो से रोडवेज की बसों का संचालन शुरू हो सकेगा। चन्दौसी समेत जिले भर के लोगों को बसों की सुविधा मिल सकेगी।
इसके लिए माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी ने कुछ दिन पूर्व प्रदेश के परिवहन मंत्री से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने रोडवेज डिपो की स्थापना कराए जाने की मांग की थी। उन्होंने परिवहन मंत्री को यह भी अवगत कराया कि चन्दौसी में पॉवर हाउस की हाइवे किनारे करीब 116 बीघा जमीन उपलब्ध है।
इस पर जो पॉवर हाउस था, वह करीब 25 वर्ष पूर्व समाप्त हो गया है और वह जमीन खाली पड़ी है। इसके बाद परिवहन मंत्री ने अपने विभाग को इस बारे में निर्देश दिए। अब सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक पीतलनगरी डिपो ने जिलाधिकारी मनीष बंसल से जनपद की विधानसभा चन्दौसी में रोडवेज डिपो की स्थापना के लिए नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। स्थानीय प्रशासन इसको लेकर सक्रिय हो गया है। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी चन्दौसी को पावर हाउस की जमीन का स्थलीय निरीक्षण करने तथा अभिलेखों का सत्यापन करने के बाद एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।
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