मुरादाबाद: खांसी की दवा की खरीद-बिक्री में अब नहीं होगी मनमानी

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मुरादाबाद, अमृत विचार। कोडीन युक्त खांसी की दवा की अब मनमानी खरीद व बिक्री नहीं हो सकेगी। इसके साथ ही अनिद्रा व डिप्रेशन दूर करने की दवा की बिक्री और भंडारण की सीमा भी तय कर दी गई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने कोडीन युक्त खांसी, अनिद्रा व डिप्रेसन दूर करने की …

मुरादाबाद, अमृत विचार। कोडीन युक्त खांसी की दवा की अब मनमानी खरीद व बिक्री नहीं हो सकेगी। इसके साथ ही अनिद्रा व डिप्रेशन दूर करने की दवा की बिक्री और भंडारण की सीमा भी तय कर दी गई है।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने कोडीन युक्त खांसी, अनिद्रा व डिप्रेसन दूर करने की दवा के भंडारण, खरीद व बिक्री की अधिकतम सीमा तय कर दी है। इन दवाओं का नशे के रूप में हो रहे इस्तेमाल को
देखते हुए एफएसडीए ने ऐसा कदम उठाया है।

दवा का नशे के रूप में इस्तेमाल को देखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने ऐसी कई दवाओं के भंडारण, खरीद व बिक्री की अधिकतम सीमा तय कर दी है। खांसी दूर करने के लिए कोडीन से बने कफ सीरप की एक दिन में एक ही शीशी खरीदी जा सकेगी।

वहीं, अनिद्रा व डिप्रेशन की दवाओं के भी भंडारण की क्षमता तय की गई है। माना जा रहा है कि कम उम्र के बच्चों के द्वारा इन दवाओं के इस्तेमाल से उनके मानसिक विकास पर असर पड़ रहा है। दवा के थोक विक्रेताओं को अब 50, 100 एमएल या किसी अन्य मात्रा की एक दिन में 100 से अधिक शीशी नहीं बेचने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। जबकि फुटकर विक्रेता एक व्यक्ति को एक बार में एक शीशी ही बेचेंगे। निर्देशों के उल्लंघन पर कार्रवाई होगी।

औषधि निरीक्षक मुकेश जैन का कहना है कि इस आदेश का पालन कराने के लिए सख्ती कर रहे हैं। मुरादाबाद व संभल आदि जिलों में इसको लेकर छापेमारी और जांच भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह आदेश सरकारी संस्थानों, कैंसर अस्पताल व मानसिक अस्पताल पर लागू नहीं होंगे।

परामर्श पर्ची पर ही मिलेगी अनिद्रा की दवा
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने फुटकर दवा विक्रेताओं पर प्रतिबंध लगाया है कि वह दर्द व बुखार की दवा में इस्तेमाल की जाने वाली ट्रामाडोल के दो हजार कैप्सूल ही रख सकेंगे। बिना डाक्टर के परामर्श पर्ची के इसकी बिक्री नहीं होगी। जबकि थोक दुकानदार हर दिन सिर्फ 200 कैप्सूल ही फर्म को बेच सकेंगे। डिप्रेशन, अनिद्रा व मानसिक रोगों से ग्रस्त रोग में दी जाने वाली अल्प्राजोलम व क्लोनाजेपाम के 20-20 कैप्सूल व डायजापाम, नाइट्राजेपाम, पेंटाजोसिन व बुप्रेनॉरफिन के प्रयोग से बनी दवाओं के 10 कैप्सूल ही हर दिन बिक सकेगा।

कोडिन में हल्के नारकोटिक्स के लक्षण
औषधि निरीक्षक का कहना है कि विभाग के अधिकारियों ने पाया है कि कोडीन खांसी से राहत देने वाली है, लेकिन इसमें नारकोटिक्स भी हल्की मात्रा में मौजूद है। यह लीवर में पहुंचकर एक एंजाइम की मदद से मार्फीन में बदल जाता है। जो हानिकारक होता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही इसे निर्धारित मात्रा में लेना सुरक्षित होता है।

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