बाराबंकी: अकीदत के साथ अदा की गई हाजी वारिस अली के कुल शरीफ की रस्म, रंग बिरंगी रोशनी में नहाया देवा शरीफ

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देवा/बाराबंकी। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की याद में आयोजित सफर उर्स में मंगलवार की सुबह चार बजकर तेरह मिनट पर कुलशरीफ की रस्म अदा की गई। कुल में शिरकत के लिए हजारों जायरीन की भीड़ उमड़ी। जायरीन ने मजार परिसर के साथ ही बाहर सड़क तक डेरा डाल रखा था। इससे पहले हाफिज …

देवा/बाराबंकी। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की याद में आयोजित सफर उर्स में मंगलवार की सुबह चार बजकर तेरह मिनट पर कुलशरीफ की रस्म अदा की गई। कुल में शिरकत के लिए हजारों जायरीन की भीड़ उमड़ी। जायरीन ने मजार परिसर के साथ ही बाहर सड़क तक डेरा डाल रखा था। इससे पहले हाफिज प्यारी साहब वारसी के मकान से जुलूस के साथ गागर लाई गई और समा खाने में कव्वालियों का दौर चला।

कव्वालों ने सूफी और दीनी कव्वालियों से अकीदत पेश की। कुल के दौरान काफी संख्या में एहराम पोश फुकरा भी मौजूद रहे। सुबह दस बजे मजलिस शोहदाए करबला के साथ ही दोपहर तीन बजे मजारे अक़दस का गुस्ल हुआ। गिलाफ, सन्दल और इतर भी पेश किया गया। रात आठ बजे दरगाह वारसी एसोसिएशन की तरफ से जुलूस के साथ एहराम पेश किया गया।

बाद में मरहूमीन गुलामाने वारसी का कुल सम्पन्न हुआ। कुल शरीफ से वारिस कव्वाल मुंबई और दानिश मोनिस कव्वाल बरेली, गुलाम वारिस वा अफान कव्वाल देवा , कमर वारसी कव्वाल काकोरी लखनऊ मस्ताना के सरकारी को वालों में से अजीमुल्ला कव्वाल बड़ागांव तोफिर कव्वाल देवा उपस्थित रहे यह सारे कार्यक्रम आस्ताना मैनेजर साद मोहम्मद वारसी की देखरेख में संपन्न हुआ।

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