नैनीताल: प्रो. तिवारी बोले भारत में 80 फीसदी औषधीय पौधों का दोहन जंगलों से हो रहा है

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नैनीताल, अमृत विचार। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के शोध निदेशक प्रो. ललित तिवारी ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा के मानव संसाधन केंद्र द्वारा आयोजित रिफ्रेशर कोर्स पर्यावरणीय चुनौती के अंतर्गत औषधीय पौधे वितरण व चुनौती पर व्याख्यान दिया। इस मौके पर ऑनलाइन माध्यम के व्याख्यान में प्रो. तिवारी ने कहा कि भारत में 70से 80 फीसदी औषधीय …

नैनीताल, अमृत विचार। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के शोध निदेशक प्रो. ललित तिवारी ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा के मानव संसाधन केंद्र द्वारा आयोजित रिफ्रेशर कोर्स पर्यावरणीय चुनौती के अंतर्गत औषधीय पौधे वितरण व चुनौती पर व्याख्यान दिया।

इस मौके पर ऑनलाइन माध्यम के व्याख्यान में प्रो. तिवारी ने कहा कि भारत में 70से 80 फीसदी औषधीय पौधों का दोहन जंगल से ही किया जाता है। जिससे 46 मिलियन डॉलर का कारोबार भी होता है। विश्व में 12 से 18 फीसदी पौधे के औषधीय गुणों की जानकारी अभी तक मिली है। वहीं इस पर शोध किया जा रहा है।

व्याख्यान में उन्होंने नीम, अश्वगंधा, अदरक, आंवला, वसका, पेनिसिलिन, अट्रोपाइन, पपैंन, रिसर्पिन, अतीश, थुनेर, सातवा, वन अजवाइन, रागा, हरड, ईसबगूल, हीना, एली वेरा, पीपली, कूट, डॉन पत्ती, सहित ऋषि चवन्य आदि औषधियों पौधों का महत्व बताया। कहा कि इससे 2200 मीट्रिक टन का कारोबार उत्तराखंड में होता है। उन्होंने इन पौधों के दोहन पर सख्त पॉलिसी बनाने तथा इनके संरक्षण के लिए व्याहारिक कदम उठाने का आह्वान किया

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