अल्मोड़ा: डाइटीशियन नहीं होने से सफेद हाथी बना कुपोषित बच्चों का सेंटर

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अल्मोड़ा, अमृत  विचार। जिला अस्पताल में कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों के इलाज को बनाया गया न्यूट्रीशनल रिहेबिलिटेशन सेंटर सफेद हाथी साबित हो रहा है। करीब तीन साल बाद भी सेंटर का संचालन शुरू नही हो सका है। इससे आज भी कुपोषित और अतिकुषोषित बच्चों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण बच्चों के …

अल्मोड़ा, अमृत  विचार। जिला अस्पताल में कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों के इलाज को बनाया गया न्यूट्रीशनल रिहेबिलिटेशन सेंटर सफेद हाथी साबित हो रहा है। करीब तीन साल बाद भी सेंटर का संचालन शुरू नही हो सका है। इससे आज भी कुपोषित और अतिकुषोषित बच्चों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण बच्चों के उपचार के लिए तीमारदारों को महानगरों की दौड़ लगानी पड़ रही है।

पर्वतीय जिलों के कुपोषित और अतिकुषोषित बच्चों के उपचार के लिए शासन से स्वीकृति मिलने के बाद करीब तीन साल पहले जिला अस्पताल में एनआरसी स्थापित किया गया। जिसके बाद यहां कभी डॉक्टर कभी स्टाफ की कमी से इसका संचालन नहीं हो सका। अन्य स्टाफ और विभिन्न तरह की मशीनें और उपकरण भी लगा दिए गए हैं। लेकिन डाइटीशियन की तैनाती नहीं होने से सेंटर का संचालन शुरू नहीं हो सका है। जिससे अल्मोड़ा समेत पर्वतीय जिलों के कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को परिजन उपचार के लिए महानगरों के अस्पतालों को ले जाने पर विवश हो रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य महकमा और शासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

एनआरसी सेंटर के लिए डाइटीशियन नहीं है। डाइटीशियन की नियुक्ति की मांग की गई है। नियुक्तिके बाद सेंटर का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

– डॉ. पीके सिन्हा, पीएमएस जिला अस्पताल अल्मोड़ा

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