मोदी सरकार के खिलाफ अमेरिका में छपा विज्ञापन, सीतारमण को बताया वॉन्टेड, इन 11 पर प्रतिबंध की मांग
वॉशिंगटन। भारत ने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल’ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य भारतीय अधिकारियों पर प्रतिबंध की मांग वाले पूरे पेज के विज्ञापन पर प्रतिक्रिया दी है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सलाहकार कंचन गुप्ता ने कहा, यह भारत की संप्रभुता के खिलाफ…एक अभियान है। बकौल गुप्ता, देवास के भगोड़े सीईओ रामचंद्र …
वॉशिंगटन। भारत ने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल’ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य भारतीय अधिकारियों पर प्रतिबंध की मांग वाले पूरे पेज के विज्ञापन पर प्रतिक्रिया दी है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सलाहकार कंचन गुप्ता ने कहा, यह भारत की संप्रभुता के खिलाफ…एक अभियान है। बकौल गुप्ता, देवास के भगोड़े सीईओ रामचंद्र विश्वनाथन ने यह विज्ञापन दिया था।
मेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (Wall Street Journal) ने एक भारत विरोधी विज्ञापन छापा है। इस विज्ञापन में भारत पर निशाना साधते हुए उसे निवेश करने के लिए असुरक्षित स्थान कहा गया है। पहले पेज पर पब्लिश हुआ ये विज्ञापन एक संगठन की तरफ से दिया गया है और इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत 14 लोगों के नाम दिए गए हैं।
विज्ञापन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत 14 लोगों के नाम दिए गए हैं। इस विज्ञापन को ‘वॉन्टेड’ पोस्टर के रुप में छापा गया है। विज्ञापन में कहा गया है कि ये लोग भारत की संवैधानिक संस्थाओं को राजनीतिक और उद्योग जगत के विरोधियों के खिलाफ हथियारों की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। विज्ञापन के अंदर निवेशकों से कहा गया है कि वह भारत से दूरी बनाकर रखें।
Shameful weaponisation of American media by fraudsters.
This shockingly vile ad targeting #India and its Government appeared in @WSJ .
Do you know who is behind this and similar ads?
This ad campaign is being run by fugitive Ramachandra Vishwanathan, who was the CEO of Devas.
n1 pic.twitter.com/o7EWFmMsSR— Kanchan Gupta ?? (@KanchanGupta) October 15, 2022
भारत पर प्रतिबंध लगाने की मांग
विज्ञापन में लिखा है कि ग्लोबल मैगनिटस्की ह्यूमन राइट्स अकाउंटिबिलिटी एक्ट के तहत अमेरिका से भारत पर आर्थिक और वीजा मामलों में प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इस कानून के तहत अमेरिका की सरकार को अधिकार है कि वो किसी विदेशी अधिकारी या नेता की संपत्ति को जब्त कर सके, उस पर प्रतिबंध लगा सके और अपने देश में उसके घुसने पर भी रोक लगा सके।
अमेरिकी दौरे पर हैं वित्त मंत्री
यह विज्ञापन ऐसे समय आया है, जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद अमेरिकी दौरे पर हैं। इस विज्ञापन में जिन लोगों को बैन कराने की मांग की है, उनमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन, सुप्रीम कोर्ट के जज हेमंत गुप्ता और वी रामसुब्रमण्यम के नाम शामिल हैं। इसके अलावा विशेष न्यायाधीश चंद्रशेखर, ईडी के संजय कुमार मिश्रा, ईडी के सहायक निदेशक आर राजेश, सीबीआई के डीएसपी आशीष पारीक, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमण, और ईडी के उप निदेशक ए सादिक मोहम्मद की तस्वीरे भी छापी गई हैं।
हालांकि, अब तक न तो भारतीय वित्त मंत्री और न ही किसी एजेंसियों ने विज्ञापन पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी की है। माना जा रहा है कि यह विज्ञापन एक असंतुष्ट भारतीय व्यवसायी, रामचंद्रन विश्वनाथन और उनके समर्थकों द्वारा छपवाया गया था। विश्वनाथन देवास के पूर्व सीईओ हैं। यह कंपनी दिसंबर 2004 में बनाई गयी थी, जो उपग्रह और स्थलीय प्रणालियों के माध्यम से मल्टीमीडिया सामग्री वितरित करने के लिए एक मंच विकसित करती है।
ये भी पढ़ें : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- स्वदेशी है भारत का 5जी, दूसरे देशों को भी दे सकते हैं सेवाएं
वित्त मंत्री के अमेरिकी दौरे के दौरान हुआ पब्लिश
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विदेश दौरे पर थीं, ऐसे में ये विज्ञापन पब्लिश किया गया है। निर्मला 11 अक्टूबर को वॉशिंगटन में इंटरनेशनल मोनीटरी फंड और वर्ल्ड बैंक की इयरली मीटिंग में शामिल होने के लिए पहुंची थीं।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पोस्ट कर जताया गुस्सा
देश में इसे लेकर कई लोगों ने गुस्सा जताया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ कंचन गुप्ता ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा- जालसाजों के जरिए अमेरिकी मीडिया का इस्तेमाल किया जाना शर्मनाक है। यह विज्ञापन भारत और उसकी सरकार को निशाना बना रहा है। आप जानते हैं ऐसे विज्ञापनों के पीछे कौन है? ये विज्ञापन अभियान भगौड़े रामचंद्र विश्वनाथन ने चलाया है। विश्वनाथन भारत में घोषित भगोड़ा आर्थिक अपराधी है।
ये भी पढ़ें : ‘रुपया नहीं गिर रहा है, डॉलर मजबूत हो रहा है’ अमेरिका में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जवाब
