समीर वानखेड़े ने एनसीबी अधिकारी पर लगाया उत्पीड़न का आरोप, NCSC करेगा जांच

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मुंबई। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने कहा कि वह भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के उप महानिदेशक (डीडीजी) ज्ञानेश्वर सिंह पर लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों की जांच करेगा। सिंह ने उस सतर्कता जांच की अगुवाई की थी जिसमें, 2021 में एक क्रूज पर कथित रूप से …

मुंबई। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने कहा कि वह भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के उप महानिदेशक (डीडीजी) ज्ञानेश्वर सिंह पर लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों की जांच करेगा। सिंह ने उस सतर्कता जांच की अगुवाई की थी जिसमें, 2021 में एक क्रूज पर कथित रूप से बरामद नशीले पदार्थ मामले में अनियमितताएं मिली थी।

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आयोग ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि वह सिंह द्वारा किए गए कथित उत्पीड़न और अत्याचारों की जांच करेगा। उसने निर्देश दिया कि दीवानी अदालत की शक्तियों वाले पैनल के समक्ष इस संबंधी शिकायत के लंबित रहने तक इस मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

मुंबई में एक क्रूज जहाज से पिछले साल अक्टूबर में कथित रूप से नशीले पदार्थ जब्त किए जाने के मामले की जांच में कई खामियां पाए जाने के बाद एनसीबी ने एक सतर्कता जांच शुरू की थी। इस मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें बाद में क्लीन चिट मिल गई। गोवा जा रहे इस क्रूज में छापेमारी के समय वानखेड़े एनसीबी मुंबई क्षेत्र के निदेशक थे।

बयान में कहा गया है, ‘राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) को वानखेड़े से एक शिकायत या सूचना मिली है और आयोग ने संविधान के तहत उसे प्रदत्त शक्तियों का पालन करते हुए मामले की जांच करने का फैसला किया है।’

वानखेड़े ने एनसीएससी के अध्यक्ष से भी मुलाकात की और मामले पर विस्तार से चर्चा की। आयोग ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को एनसीबी के विशेष जांच दल (एसईटी) द्वारा जमा किए गए मूल दस्तावेजों को जांच के लिए पैनल को सौंपने को कहा है। भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) सीबीआईसी द्वारा शासित है। एनसीएससी ने सीबीआईसी से ये दस्तावेज 15 दिन में मुहैया कराने को कहा।

वानखेड़े ने इस मामले में संपर्क किए जाने पर कहा, ‘मैंने आयोग से संपर्क किया है, लेकिन मैं इस पर कोई और टिप्पणी नहीं करना चाहता, क्योंकि मामला विचाराधीन है। सिंह ने डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर का अपमान किया और उनका उपहास उड़ाया। मैंने एक साल तक लगातार उत्पीड़न सहा।’

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