बहराइच: कौड़ियाला नदी में समाहित हो रही उपजाऊ जमीन, वन ग्राम भरथापुर में नदी की कटान जारी

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

बहराइच। घाघरा व कौड़ियाला नदी का जलस्तर घटने के बाद से ही कटान तेज हो गई है। किसानों की हरी-भरी फसलें नदी की तेज धारा में समाहित हो रही है। इसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा तहसील के साथ सिंचाई विभाग को दी जा रही है। इसके बाद भी बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे …

बहराइच। घाघरा व कौड़ियाला नदी का जलस्तर घटने के बाद से ही कटान तेज हो गई है। किसानों की हरी-भरी फसलें नदी की तेज धारा में समाहित हो रही है। इसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा तहसील के साथ सिंचाई विभाग को दी जा रही है। इसके बाद भी बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। मोतीपुर तहसील का वन ग्राम भरथापुर जंगल में नदियों के निकट बसा हुआ है।

गांव के किसानों की जमीन पर नदी कटान कर रही है। गांव में किसानों की लगभग 16 एकड़ जमीन नदी की तेज धारा में समाहित हो गई है। गांव के अस्तित्व पर भी संकट खड़ा हो गया है। गांव निवासी राजाराम, रामसूरत, सुरेशचंद्र, राकेश, सत्रोहन राधेश्याम, सुगंती, राम मनोरथ, केशवराम, वीरेंद्र, घनश्याम आदि की धान, सरसों, हल्दी एवं मेंथा की फसलें कोडियाला नदी में समाहित हो चुकी हैं। लगातार हो रही कटान के भय से कंगन, सुगंती, राधेश्याम, प्रमोद, विनोद श्याम प्रकाश, कधई लाल, सुरेश, टीकाराम, कमलेश्, रामसूरत ने अपना आशियाना उजाड़ कर सुरक्षित स्थानों की शरण ले ले ली है किसानों ने बताया अब उनके पास खेती करने लायक जमीन भी नहीं बची है।

भरथापुर में कोडियाला व चहलवा में घाघरा नदी की कटान लगातार जारी है। जिससे किसानों की उपजाऊ जमीन लगातार नदी की तेज धारा में समाहित हो रही है। लगातार हो रही कटान की समस्या पर स्थानीय लेखपाल अरुण कुमार व रवि वर्मा ने बताया कि कटान की रिपोर्ट बनाकर प्रतिदिन उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है। पीड़ितों को जल्द ही राहत सहायता राशि चेक दी जायेगी।

यह भी पढ़ें:-बहराइच : दवा खरीद और निर्माणाधीन इमारतों की जांच करने पहुंचे प्रमुख सचिव चिकित्सा

संबंधित समाचार