अयोध्या: दो होम्योपैथिक अस्पताल और कार्यालय के लिए नहीं मिल रही जमीन

अयोध्या: दो होम्योपैथिक अस्पताल और कार्यालय के लिए नहीं मिल रही जमीन

अमृत विचार, अयोध्या। मीठी गोली खिलाकर से लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने वाले होम्योपैथिक विभाग को अपने ही  दो चिकित्सालय व कार्यालय निर्माण के लिए भूमि नहीं मिल रही है। होम्योपैथिक विभाग की ओर से निशुल्क भूमि उपलब्ध कराए जाने को लेकर अगस्त 2022 में जिलाधिकारी को पत्र भी लिखा जा चुका है। चार माह बीतने के बाद कोई सकारात्मक परिणाम सामने न आने से मामला अब अधर में ही लटकता दिखाई दे रहा है। यह आलम तब है जब सूबे की सरकार के आयुष तथा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के स्वतंत्र प्रभार मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु द्वारा निदेशक होम्योपैथिक को इस संबंध में निर्देश दिए गए थे। 

बता दे कि 23 अगस्त 2022 को जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी की ओर से  जिलाधिकारी को नि:शुल्क भूमि आवंटन के लिए पत्र भेजा गया था। जिसमें नगरीय क्षेत्र में संचालित भूमि विहीन राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल और कार्यालय के लिए भूमि का प्रस्ताव दिया गया। इसके तहत होम्योपैथिक विभाग ने राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय लक्ष्मणघाट और कटरा के साथ- साथ जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय अयोध्या मंडल का निर्माण किया जाना था। आयुष मिशन की वार्षिक योजना के अंतर्गत होने वाले इस निर्माण के लिए विभाग ने भूमि आवंटित कर उसे राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने का अनुरोध किया था। चार माह बीतने के बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम न आने चलते होम्योपैथिक विभाग को गहरा झटका लगा है। 

11 वीं पंचवर्षीय योजना के तहत बनने थे भवन
होम्योपैथिक विभाग की ओर से जिलाधिकारी को यह प्रस्ताव 11 वीं पंचवर्षीय योजना के तहत दिया गया था जिसमें कार्यालय व आवासीय भवन का निर्माण कराया जाना था। 30 अक्टूबर 2007 में तत्कालीन विशेष सचिव नरेंद्र कुमार चौधरी ने सभी जिला अधिकारियों को इसके लिए पत्र भी भेजा था। जिसमें भूमि निशुल्क उपलब्ध कराने जाने को कहा गया था लेकिन यहां सब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। नतीजा आज तक होम्योपैथिक विभाग को अस्पताल व कार्यालय के लिए भूमि नहीं मिल सकी।

इतनी भूमि की दरकार 
जिला होम्योपैथिक विभाग को होम्योपैथिक अस्पतालों के निर्माण के लिए मात्र 1100 और दोनों कार्यालय के लिए 5000-5000 स्क्वायर फिट भूमि चाहिए थी। जिससे शासन की मंशा के अनुरूप भूमि विहीन अस्पताल व कार्यालयों को अपने भवन नसीब हो सके। 

बोले जिम्मेदार 
नि:शुल्क भूमि आवंटन के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया था लेकिन अभी न तो कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है और न ही कोई लिखित सूचना ही मिली है। अभी जवाब का इंतजार है। जवाब नहीं आया तो फिर से रिमांडर भेजा जाएगा। 
डॉ. घनश्याम चौधरी, जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी, अयोध्या