लखनऊ: राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची से खिलवाड़, जानिए क्या है मामला 

लखनऊ: राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची से खिलवाड़, जानिए क्या है मामला 

लखनऊ, अमृत विचार। डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में कार्यरत सहायक प्रोफेसर साढ़े चार साल से लंबित सीनियारिटी लिस्ट के इंतजार में है। 21 अगस्त 2019 को विश्वविद्यालय के कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रत्येक कैटेगरी हेतु सीनियारिटी लिस्ट तैयार करने के लिए एक समिति गठित की, जिसके तहत 14 अक्टूबर 2019 को एक सीनियारिटी लिस्ट निकाली गई ।

समिति द्वारा मानकों की अनदेखी कर शिक्षकों की वरिष्ठता के साथ साफ-साफ खिलवाड़ दिखाई पड़ता है। सहायक प्रोफेसर की वरिष्ठता सूची में साफ-साफ देखा जा सकता है कि 10 अक्टूबर 2013 की जॉइनिंग डेट को ऊपर रखते हुए 1 अक्टूबर 2013 की जॉइनिंग डेट क्रमानुसार नीचे है। इस समिति ने दस कार्य दिवसों के अंतर्गत यदि किसी शिक्षक को आपत्ति है तो उनके द्वारा अपने पक्ष को रखने का आमंत्रण दिया था । 

बताते चलें कि विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षकों ने इस समिति द्वारा बनाई गई  सहायक  प्रोफेसर की वरिष्ठता सूची पर आपत्ति भी की थी। इस सूची में साफ देखा जा सकता है, कि न तो जॉइनिंग डेट, ना ही सीनियरटी सेलेक्शन, ना ही उम्र का ख्याल रखते हुए सूची तैयार की गई है ।यहां मानकों की अनदेखी साफ साफ देखी जा सकती हैं । साढ़े 4 साल से कुछ शिक्षक मजबूरीवश इस रवैए के समक्ष लाचार हैं। उन्हें इंतजार है वरिष्ठता सूची में त्रुटि सुधार का ।

माना जा रहा है कि विश्वविद्यालय में आगामी एकेडमिक काउंसिल की बैठक में वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर को नामित करना होगा। पक्षपात के शिकार शिक्षक उदास दिखाई देते हैं। वहीं कुछ शिक्षक लंबित प्रमोशंस के समक्ष भी लाचार हैं।

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