अयोध्या: किसानों के लिए राहत की खबर, नहर में 15 दिसंबर को छोड़ा जाएगा पानी
अमृत विचार, रुदौली, अयोध्या। सिल्ट सफाई के चक्कर में पिछले दिनों से नहरों में पानी का प्रवाह नहीं हो रहा है। इसकी वजह से गेहूं की बुआई के लिए किसान खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। नहरों की सफाई का काम भी बड़ी मंद गति से चल रहा है। मौसम में अचानक बदलाव होने से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है। हाल-फिलहाल बाराबंकी जिले के अधिशासी अभियंता राकेश कुमार ने 15 दिसंबर को नहर में पानी छोड़े जाने की बात कही है।
धान की कटाई के साथ ही किसान गेहूं की बुवाई को खेतों का पलेवा करना चाह रहे हैं, लेकिन सूखी पड़ी नहरों के चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रुदौली तहसील क्षेत्र का 60 फीसद भू-भाग की सिंचाई नहरों के माध्यम से होती है। लेकिन नहरों व रजबहों में समय पर पानी न आने से खेती किसानी पिछड़ रही है।
शारदा सहायक नहर व माइनरों में पिछले एक महीने से पानी नहीं आया है, इन नहरों का संचालन बाराबंकी जिले से होता है। नहरों और माइनरों में पानी न आने की वजह से इससे निकले रजबहे भी सूखे पड़े है। क्षेत्र के जानकी पुरवा, चैन पुरवा, लोहटी, फिरोजपुर मख्दूमी गांव से होकर निकले रजबहे में टेल तक पानी नहीं पहुंचा है। नहरों व रजबहे की हर साल सिल्ट सफाई होती है, लेकिन पानी टेल तक नहीं पहुंचता है।
बीच में कई जगह कटान होने से सिंचाई प्रभावित होती है। क्षेत्र के अश्वनी नारायण, सुभाष चन्द्र, उमेश कुमार आदि किसानों ने बताया की नहर में अब तक पानी न आने से गेहूं की फसल की बुआई के लिए खेतों का पलेवा नहीं हो पा रहा है। 15 नवंबर से गेहूं की फसल बुआई का समय शुरू हो गया है। यदि नहर में पानी का प्रवाह न हुआ तो गेहूं की बुआई में देरी होगी।
यह भी पढ़ें:-सुल्तानपुर: हरिकेश के परिवार को मिले एक करोड़ रुपए व सरकारी नौकरी, यूथ कांग्रेस ने डीएम को दिया ज्ञापन
