सुल्तानपुर : नपा सुलतानपुर अनारक्षित तो नपं लम्भुआ ओबीसी महिला

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Published By Vinay Shukla
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नपं कोइरीपुर अनारक्षित, दोस्तपुर ओबीसी महिला व कादीपुर हुई अन्य पिछड़ा वर्ग, शासन ने जारी की अधिसूचना, सात दिन में मांगी गई आपत्तियां

अमृत विचार, सुल्तानपुर। नगर विकास विभाग की तरफ से सोमवार की शाम बहुप्रतिक्षित नगर पालिका व नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की अनंतिम सूची जारी कर दी गई। इसमें नगर पालिका परिषद सुलतानपुर व नगर पंचायत कोइरीपुर को अनारक्षित किया गया है। नपं दोस्तपुर व लम्भुआ को ओबीसी महिला और कादीपुर को अन्य पिछड़ा वर्ग घोषित किया गया है। आरक्षण से निकाय चुनाव लड़ने की मंशा पाले कई प्रत्याशियों को निराशा हुई है।

नगर निकाय चुनाव को मिनी विधानसभा माना जाता है। ऐसे में अध्यक्ष पद के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां अपने सिंबल पर कंडीडेट उतारकर चुनाव लड़ती है। बहुप्रतिक्षित अध्यक्ष पद के आरक्षण की स्थिति शासन  ने साफ कर दिया और देर शाम अनंतिम सूची जारी कर दी। जारी अधिसूचना में प्रकाशन की तिथि से सात दिनों के अंदर अर्थात 12 दिसंबर को सायं छह बजे तक अपनी आपत्ति नगर विकास अनुभाग-1 उप्र सचिवालय को प्रेषित किया जा सकता है। लिखित आपत्तियां व्यक्तिगत रूप से सचिवालय को की जाएगी।

 निकायों की आरक्षण की स्थिति

जारी सूची में जिले की इकलौती नगर पालिका परिषद सुलतानपुर को अनारक्षित घोषित किया गया है। पिछली बार इसे महिला के लिए आरक्षित किया गया था। जिसमें भाजपा प्रत्याशी बबिता जायसवाल विजयी हुई थीं। इसके अलावा पहली बार नगर पंचायत बनी लम्भुआ को अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। नगर पंचायत दोस्तपुर को अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित किया गया है।

इसके पहले यहां पर एससी सीट से बसपा समर्थित राजाराम चेयरमैन चुने गए थे। कोइरीपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष पद को अनारक्षित किया गया है। 2017 में इस सीट को ओबीसी के लिए आरक्षित किया गया था। जिस पर भाजपा कंडीडेट सुधीर साहू अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। कादीपुर नगर पंचायत को अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। इसके पहले इस अनारक्षित सीट पर निर्दल प्रत्याशी विजयभान सिंह मुन्ना चेयरमैन चुने गए थे।

 अध्यक्ष पद के आरक्षण में सत्ता का ‘खेल

सियासी सूत्रों की मानें तो अध्यक्ष पद के आरक्षण में सत्ता का खूब खेल चला। इस बार कुछ सत्तासीन नगर पालिका सुलतानपुर को पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कराना चाहते थे, पर पार्टी में शीर्ष पदों पर बैठे लोग अनारक्षित कराने में सफल हुए हैं। यहां पर मौजूदा भाजपा चेयरमैन बबिता जायसवाल, उनके पति अजय जायसवाल के साथ भाजपा की सांसद मेनका गांधी व भाजपा के ही सुलतानपुर विधायक विनोद सिंह से रार चल रही है।

नगर पंचायत कादीपुर में विधायक राजेश गौतम के करीबी में शुमार मौजूदा चेयरमैन विजयभान सिंह मुन्ना के लिए यह सीट प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई थी। जिसके लिए उन्होंने अभी चंद दिनों पहले विधायक के समक्ष भाजपा का दामन थामा था। जिसको लेकर पार्टी में अंदरखाने नाराजगी थी। पूर्व में भाजपा के प्रत्याशी रहे आनंद जायसवाल के लिए यह आरक्षण बड़े अवसर के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, नगर पंचायत लम्भुआ व कोइरीपुर में मौजूदा विधायक की रणनीति कामयाब हुई है।

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