मेरठ: काउंसिलिंग कर बच्चों की खूबियां तलाश रही सोनी जैन

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Published By Vishal Singh
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मेरठ, अमृत विचार। प‌ारिवारिक दबाव की प्रतिस्पर्धा की दौड़ के चलते आज बच्चे डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे है। यहीं, कारण है कि कम उम्र में बच्चे आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे है। हाल ही में कई मामले ऐसे सामने आए है। जिनमें, बच्चों ने डिप्रेशन के चलते आत्महत्या की है। लेकिन, इस समस्या से बच्चों को जन्म से ही छूटकार दिलाने का ‌मनोवैज्ञानिक विश्लेषक सोनी जैन से बीड़ा उठाया है।

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परिवार का रहता है दबाव
मोदीपुरम के शीलकुंज की रहने वाली सोनी जैन ने बताया कि आज के दौर में शिक्षित होने पर ही रोजगार के अवसर अधिक प्राप्त होते है। ऐसे में अभिभावक बच्चों पर शुरू से ही पढ़ाई कर उनकी पसंद से चिकित्सक, इंजीनियर, शिक्षक, वैज्ञानिक आदि बनने का दबाव डालते है। ऐसे, यदि बच्चे में कोई अन्य खूबी है और वह कुछ ओर बनना चाहता है तो वह परिवाद के दबाव के चलते अपनी खूबियों को दबाने पर मजबूर हो जाता है।‌ जिस कारण बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो जाते है।

ड्रिपेशन में उठाते है आत्महत्या जैसा कदम
सोनी जैन ने बताया कि पारिवारिक दबाव अधिक बढ़ जाने पर बच्चा डिप्रेशन का शिकार होने पर आत्महत्या जैसे कदम उठाते है। हाल ही में कई मामले में ऐसे प्रकाश में भी आए है। उन्होंने बताया कि बच्चों पर पड़ने वाले इस दबाव को कम करना होगा, जिसके लिए बच्चों व अभिभावक दोनों की काउंसिल‌िंग जरुरी है। ताकि, बच्चे के अंदर क्या खूबी है वह उनके अ‌भिभावक को भी पता लग सके। बताया कि कई वर्षो के शोध के बाद उन्होंने समूह के साथ मिलकर बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्थिति को परखकर डाटा बैंक तैयार किया है।

उन्होंने बताया कि इस परिस्थिति को भांपते हुए अपने समूह संग मिलकर बच्चों को सही दिशा देने का बीड़ा उठा रही है। मेरठ के अलावा मुरादाबाद व कई अन्य जिलों में वह काउंसलिंग कर चुकी है। मेरठ के कई स्कूलों से उन्हें काउंसिलिंग करने को लेकर ऑफर मिला है। जल्द माउंट लिट्रा जी स्कूल में वह काउंसिलिंग करने वाली है। बताया कि जन्मजात खूबियों को तलाशने और तराशने की  सर्वाधिक आवश्यकता सरकारी स्कूलों के दस साल तक के बच्चों में है। बच्चों से पहले निरंतर अभिभावकों की भी काउंसिलिंग सेशन  किए जा रहे है।

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