राष्ट्रीय सेमिनार : कुलपति बोले- डॉ. अम्बेडकर ने आर्थिक समता मूलक विकास को मूर्त रूप दिया

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Published By Vinay Shukla
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समाज के गरीब वर्ग के लिए आय व सम्पत्ति का समान वितरण अति आवश्यक . प्रो. वाजपेयी

राष्ट्रीय सेमिनार में प्रतिभागियों और शोधार्थियों ने 30 शोधपत्र प्रस्तुत किए

अमृत विचार, अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अम्बेडकर चेयर और अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 66वीं पुण्यतिथि पर विपन्न समूह के अर्थशास्त्र एवं डॉ. अम्बेडकर के विचार विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित हुआ।

अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने कहा कि समाज के विपन्न वर्ग के लोगों के जीवन स्तर को उठाने और समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने में डाॅ. अम्बेडकर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने आर्थिक समता मूलक विकास की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया है।

डॉ. अम्बेडकर के आर्थिक विचार आज भी प्रासंगिक हैं। मुख्य अतिथि अटल बिहारी वाजपेई केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेई ने कहा कि समाज के गरीब वर्ग के लिए आय एवं सम्पत्ति का समान वितरण अति आवश्यक है।

प्रो. राशि कृष्ण सिन्हा, पूर्व विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र, डाॅ. शकुन्तला मिश्रा पुर्नवास विश्वविद्यालय, लखनऊ ने डाॅ. अम्बेडकर के सम्पत्ति के समान वितरण के सिद्धान्त पर चर्चा की। विशिष्ट अतिथि देवी आहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, मध्य प्रदेश के प्रो. ज्ञान प्रकाश ने अम्बेडकर की मौद्रिक नीति का सामान्य जन पर प्रभाव विषय पर विचार रखे।

भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रो. एनएमपी वर्मा, प्रो. पीके सिन्हा, भारतीय आर्थिक संघ के राष्ट्रीय संयोजक प्रो.अंग्रेज सिंह राना, जेएनयू नई दिल्ली अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शक्ति कुमार ने भी विचार रखे। अम्बेडकर चेयर के समन्वयक प्रो. विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 30 शोधपत्र प्रतिभागियों एवं शोधार्थियो की ओर से प्रस्तुत किए गए।

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