लखनऊ : रंगदारी न देने पर हिस्ट्रीशीटर के गुर्गे ने की फायरिंग

हरदोई जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर अकील अंसारी का गुर्गा गिरफ्तार

लखनऊ : रंगदारी न देने पर हिस्ट्रीशीटर के गुर्गे ने की फायरिंग

श्रवण साहू हत्याकांड का मुख्य आरोपी है अकील अंसारी

अमृत विचार, लखनऊ। ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के सरफराजगंज स्थित जिन्नातों वाली मस्जिद के पास रंगदारी देने पर हिस्ट्रीशीटर अकील अंसारी के गुर्गे ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दहशत फैलाई थी। जिसे ठाकुरगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी श्रवण साहू हत्याकांड के मुख्य आरोपी अकील अंसारी का गुर्गा है।

 

हालांकि हिस्ट्रीशीटर अकील अंसारी मौजूदा समय में हरदोई की जेल में बंद है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान बरौरा हुसैनबाड़ी निवासी जैद के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी को घटना वाले स्थान पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया है।

 

एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि अकील अंसारी, शहर के बहुचर्चित श्रवण साहू हत्याकांड का भी आरोपी है। सरफराजगंज जिन्नातों वाली मस्जिद के पास रिजवी जनरल स्टोर है। आरोप है कि जैद ने व्यवसायी से 30 हजार रुपये की रंगदारी मांगी थी। व्यापारी द्वारा रंगदारी देने पर वह मंगलवार की रात पहुंचा और ताबड़तोड़ पांच से छह राउंड फायरिंग की। इस घटना से वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। व्यवसायी दुकानें बंद कर भाग निकले थे।

 

पुलिस ने पहुंचकर पड़ताल किया तो मौके से एक सीसीटीवी कैमरे में वीडियो मिला। जिससे आरोपी की पहचान हुई। कई टीमें गिरफ्तारी के लिए गठित की गई हैं। इंस्पेक्टर ठाकुरगंज विजय कुमार यादव और उनकी टीम ने बुधवार दोपहर आरोपी जैद को गिरफ्तार कर लिया। जैद बरौरा हुसैनबाड़ी का रहने वाला है और प्रापर्टी डीलिंग का काम करता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार सआदतगंज में बीते 3 दिसंबर को हुई लूट में भी जैद शामिल था। आरोपी के कब्जे से करीब छह लाख रुपये नकदी समेत जेवरात बरामद हुए हैं। हालांकि पुलिस इस विषय पर कुछ भी बोलने से बचती नजर रही है

-क्या है श्रवण साहू हत्याकांड...

 

बता दें कि फरवरी 2015 में सआदतगंज निवासी श्रवण साहू की गोली मारकर हत्या की गई थी। पड़ताल में सामने आया था कि दरोगा धीरेंद्र शुक्ला, सिपाही अनिल सिंह और धीरेंद्र यादव ने जेल में बंद मुख्य आरोपी अकील के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी की रिपोर्ट पर तीनों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्जकर उन्हें बर्खास्त भी कर दिया गया था। आरोप है कि पुलिसवालों की मदद से ही तीनों फरार हो गए थे। तब से पुलिस उन्हें तलाशने के दावे कर रही थी। तीनों पर 15-15 हजार रुपये इनाम घोषित होने के बावजूद पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही थी।

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