Bilkis Bano की Revision Petition को सूचीबद्ध करने पर करेगा विचार Supreme Court

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Published By Vishal Singh
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह उस याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा, जिसमें बिल्कीस बानो (Bilkis Bano) सामूहिक बलात्कार मामले के 11 दोषियों की सजा माफ करने की अर्जी पर गुजरात सरकार से विचार करने के लिए कहने संबंधी आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया गया है। 

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प्रधान न्यायाधीध (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने वकील शोभा गुप्ता के इस अभिवेदन का संज्ञान लिया कि पुनरीक्षण याचिका को अभी तक सूचीबद्ध नहीं किया गया है। वकील ने बताया कि संभावित तारीख पांच दिसंबर दिखाई गई थी, जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मैं इसे जल्द सूचीबद्ध करूंगा। मैं तारीख देखता हूं।

प्रक्रिया के अनुसार, शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका (Revision Petition) पर फैसला संबंधित निर्णय सुनाने वाले न्यायाधीश अपने कक्ष में करते हैं। बानो दंगों के दौरान बलात्कार की शिकार हुई थीं और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। बानो ने पुनरीक्षण याचिका के अलावा दोषियों की सजा माफ किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए एक अलग याचिका दायर की है। 

यह याचिका न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष 13 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार से नौ जुलाई, 1992 की नीति के तहत दोषियों की समय से पूर्व रिहाई की याचिका पर दो महीने के भीतर विचार करने को कहा था।

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