एक साल में पांच लाख से अधिक जमा नहीं हो पाएगा GPF, CM नीतीश की बैठक में फैसला
पटना। बिहार सरकार ने सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) अंशदान की ऊपरी सीमा निर्धारित कर दी, जिससे अंशधारक जीपीएफ में एक साल में पांच लाख रुपये से अधिक राशि जमा नहीं कर पाएंगे।
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मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने मंगलवार को यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रभाव से जीपीएफ अंशदान पर एक वित्तीय वर्ष में पांच लाख रुपये की ऊपरी सीमा निर्धारित करने के लिए बिहार सामान्य भविष्य निधि नियमावली, 1948 के नियम 11(1)(ख) में संशोधन करने का निर्णय लिया है।
डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि पहले जीपीएफ के तहत एक वित्तीय वर्ष में अंशदान जमा करने की कोई सीमा निर्धारित नहीं थी यानी की यह असीमित थी। इस संशोधन के बाद अंशधारक जीपीएफ में एक साल में पांच लाख रुपये से अधिक जमा नहीं कर सकेंगे। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में राज्य के 2803 चिन्हित प्राथमिक विद्यालयों में बेंच और डेस्क खरीदने के लिए 50 करोड़ रुपये व्यय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने बताया कि इन विद्यालयों में बेंच-डेस्क प्रत्येक पंचायत में गठित विद्यालय शिक्षा समिति के माध्यम से खरीदे जाएंगे। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि बिहार सर्वेक्षण कार्यालय लिपिकीय संवर्ग (भर्ती, प्रोन्नति एवं शर्त) नियमावली, 2022, बिहार विशेष सर्वेक्षण मानदेय आधारित संविदा नियोजन (संशोधन) नियमावली, 2022 और बिहार समाहरणालय लिपिकीय संवर्ग (भर्ती एवं सेवा शर्त) नियमावली, 2011 में संशोधन की स्वीकृति दी गई है।
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