प्रसिद्ध हास्य कवि और साहित्यकार आशुतोष का निधन, बहराइच में शोक की लहर

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Published By Deepak Mishra
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बहराइच। शहर के सुप्रसिद्ध साहित्यकार और हास्य कवि आशुतोष श्रीवास्तव का लखनऊ के एक निजी अस्पताल में सोमवार भोर में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके निधन से साहित्यिक हलके में शोक की लहर दौड़ गई है। हास्य कवि आशुतोष श्रीवास्तव स्वास्थ महकमे के फाइलेरिया विभाग में कर्मचारी थे।

स्वास्थ्य कर्मी होने के बावजूद वह अवधी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षरों में शुमार होते थे। इधर कुछ दिनों से कवि आशुतोष श्रीवास्तव सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय थे। मंचो पर उनकी पहचान बेबाक हास्य कवि के रूप में होती थी। महानगरों में आयोजित कवि मंचों और नेपाल में कवि सम्मेलनों की वह शान माने जाते थे।

बीते 5 दिसंबर को फेसबुक पर उन्होंने अपना अंतिम छंद पोस्ट किया था 'करके मोहनभोग अकेले गुप, बैठा है, पूरा सेक्युलर वर्ग कहीं जा छुप बैठा है। खुलेआम ब्राह्मण विरोध हो जेएनयू में, एक जनेऊधारी ब्राह्मण चुप बैठा है'।

इसके अलावा बापू की बकरी, भगत सिंह के फांसी वाली रस्सी और बफर सिस्टम आदि कविताएं मंचों पर श्रोताओं की पसंद थी। हाल ही में उन्होंने श्री कृष्ण चरित्र महाकाव्य की रचना भी की थी। मूलतः बलरामपुर जिले के जोधीपुरवा  मथुरा  बजार निवासी कवि आशुतोष श्रीवास्तव स्वास्थ विभाग की नौकरी में आने के बाद बहराइच में बस गए थे।

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