कांग्रेस को ऊर्जा देने वाला केंद्र रहा Kanpur, महिला सशक्तीकरण का पहला प्रयोग महात्मा गांधी ने शहर से किया

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Published By Kanpur Digital
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कानपुर कांग्रेस को ऊर्जा देने वाला केंद्र रहा है।

कानपुर कांग्रेस को ऊर्जा देने वाला केंद्र रहा है। महिला सशक्तीकरण का पहला प्रयोग महात्मा गांधी ने शहर से ही किया है। अधिवेशन में सरोजिनी नायडू को अध्यक्ष पदभार सौंपा था।

कानपुर, अमृत विचार। पूरे 137 साल पुरानी पार्टी कांग्रेस का 28 दिसंबर को स्थापना दिवस है। शहर कांग्रेस कमेटी ने धूमधाम से मनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहर में अपने वजूद के लिए छटपटा रही कांग्रेस का वह भी दौर था जब विपक्षी सीट जीतने को तरस जाते थे। तभी तो नेता कानपुर को कांग्रेस का पावर सेंटर कहते थे। पहले 1977 और फिर 1989 का चुनाव कानपुर कांग्रेस के लिए बड़ा झटका था।

पहले झटके से वह 1980 में उबर गयी थी पर 1989 में जो शिकस्त मिली तो कानपुर से पार्टी जीतने को तरसती रही। यह दौर मंडल और कमंडल की राजनीति का था। 1977 की हार से बेहद निराश होकर घर बैठ चुकी इंदिरा गांधी 1980 में कानपुर ने ही उर्जा दी थी। शहर कांग्रेस कमेटी का दफ्तर तिलकहाल की आधारशिला पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी तो उद्घाटन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने किया था।

थोड़ा पीछे जाएं तो वर्ष 1925 में कानपुर में हुए कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता सरोजिनी नायडू जी ने की थी। उनसे पहले महात्मा गांधी अध्यक्ष थे। उन्होंने कानपुर में ही अध्यक्ष पदभार सोरोजिनी को सौंपा था। महिला को नेतृत्व सौंपना देश की राजनीति में महिला सशक्तिकरण का पहला प्रयोग था। अधिवेशन स्थल को गांधी ने तिलक नगर का नाम दिया था, तभी से तिलक नगर मोहल्ला बस गया।

गांधी 23 दिसंबर,1925 को कानपुर आ गए और चार दिन तक रुके थे। फिरंगी हुकूमत के खिलाफ अहिंसात्मक बिगुल फूंका। चौरीचौरा कांड से दुखी गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था जिसका असर कानपुर के अधिवेशन मे दिखा। कांग्रेसी नेता नो चेंजर्स और प्रोचेंजर्स में बंट गए थे। मतलब गांधी के प्रस्ताव के साथ रहने व न रहने वाले। अधिवेशन के बाद सब एक हो गए।

कांग्रेस अधिवेशन में पहली बार कार्रवाई हिंदी में कानपुर में ही नोट की गयी। वयोवृद्ध नेता शंकरदत्त मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस के 137 साल के इतिहास के पन्ने जब-जब पलटे जाएंगे तो कानपुर का नाम स्वर्णिम अक्षरों में दिखेगा। भले ही कानपुर में 34 साल कांग्रेस बेहाल वाली हालत हो। पूर्व विधायक भूधरनारायण मिश्रा बताते हैं कि आजादी की लड़ाई का गढ़ होने के कारण गांधी को कानपुर बहुत प्रिय था। अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी 1929 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पहले अध्यक्ष हुए थे। उनके बाद श्रीप्रकाश जायसवाल 2001 में प्रदेश अध्यक्ष हुए थे। 

कानपुर देहात के अध्यक्ष रहे पूर्व विधायक नेकचंद्र पांडेय बताते हैं कि 1952 स लेकर 1977 तक तो कांग्रेस को यहां कोई छू नहीं पाया। कांग्रेस अपनी इस मजबूत जमीन से 1977 में उखड़ गयी। एक भी सीट नहीं जीत सकी। पर 1980 में जब कांग्रेस ने जीत की तरफ पलटी मारी तो 306 सीटें विधानसभा में आयीं। कानपुर ने सभी सीटें जीत ली।

कानपुर की कांग्रेस ने हरिहरनाथ शास्त्री, राजाराम शास्त्री, आरिफ मोहम्मद खान, नरेश चंद्र चतुर्वेदी, श्रीप्रकाश जायसवाल जैसे सांसद दिए तो सूरज प्रसाद अवस्थी, गणेशदत्त वाजपेयी, ब्रह्मदत्त दीक्षित सरीखे विधायक दिए। मंडल कमंडल की राजनीति ने कांग्रेस की विचारधारा का बहुत नुकसान किया।

शंकरदत्त मिश्रा ने बताया कि मेस्टन रोड स्थित शहर कांग्रेस का दफ्तर तिलकहाल है जिसके लिए 1925 में भूखंड खरीदा गया। पंडित नेहरू ने 1929 में भूमिपूजन करके शिलान्यास किया और 1934 में महात्मा गांधी ने उसका उद्घाटन किया। उनका कहना है कि यूपी के मुख्यमंत्री के आसन पर जब तक कांग्रेस के नेता रहे तो वे लखनऊ में झंडारोहण के बाद सीधे कानपुर आकर जुलूस में शामिल होते थे।

सज रहा तिलकहाल, वार्डस्तर पर होंगे कार्यक्रम : नौशाद

शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी का 138 वां स्थापना दिवस वार्ड से लेकर शहर स्तर तक मनाया जाएगा। कार्यक्रम 27 दिसंबर से शुरू हो जाएंगे। नौशाद ने बताया कि स्थापना दिवस मनाने का निर्देश केंद्रीय नेतृत्व की ओर से भी भेजा गया है। उन्होंने बताया कि वार्ड क्षेत्र के सिविल सोसाइटी मे समाजसेवी, रचनाधर्मी एवं अन्य रचनात्मक कार्य करने वाले व समाजसेवियों का सम्मान किया जायेगा। तैयारी बैठक यहां तिलक हाल में हुई जिसमें कार्यक्रम की रूपरेखा बनायी गयी।

नौशाद ने बताया कि 28 दिसम्बर को सभी वार्डो मे स्थापित महापुरुषो एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियो की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जायेगा दोपहर 12 बजें कांग्रेस कार्यालय तिलक हाल मेस्टन रोड मे स्थापना दिवस समारोह होगा। तिलकहाल को सजाया जा रहा है। शहर कमेटी ने सीसामऊ विस क्षेत्र के प्रभारी सिराज अहमद कुरैशी, आर्यनगर  प्रभारी लल्लन अवस्थी एवं छावनी प्रभारी सतीश बाल्मीकी को विशेष जिम्मेदारियां दी गईं। प्रांतीय अध्यक्ष अनिल यादव भी रहेंगे।

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