बाराबंकी: इलाज के दौरान बच्ची की मौत के मामले में जांच शुरू, डॉक्टर के पास नहीं मिली कोई डिग्री

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Published By Deepak Mishra
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अमृत विचार हैदरगढ़, बाराबंकी। लाही बॉर्डर स्थित झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से हुई बच्ची के मौत की जांच शुरू हो गई है। जांच टीम को डॉक्टर के पास कोई भी डिग्री नहीं मिली। इसके बाद अस्पताल सील करने के आदेश दिए गए हैं। फर्जी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की भी तैयारी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ प्रणव श्रीवास्तव ने बताया कि 2 वर्ष की मासूम बच्ची की इलाज के दौरान मौत की जांच मेरे द्वारा गठित टीम डॉक्टर विकास के नेतृत्व में गई है। 

टीम ने परिवार जन का बयान दर्ज किया है। बच्ची का इलाज करने वाले लाही बॉर्डर स्थित झोलाछाप डॉक्टर बाराती के यहां जब स्वास्थ्य टीम गई तो वह कोई कागज अथवा डॉक्टर की डिग्री नहीं दिखा पाया।वह कई वर्षों से फर्जी क्लीनिक संचालित कर रहा था बताया कि 24 घंटे के अंदर अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की जाएगी। संबंधित के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।

जिले भर में फैला है फर्जी डॉक्टरों का संजाल
हैदर गढ़ ही नहीं पूरे जिले में फर्जी डॉक्टरों का संजाल फैला हुआ है। इनमें से अधिकांश ऐसे हैं जिनके पास कोई डिग्री ही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग तभी चेतना है जब इन डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे इलाज के दौरान किसी की मौत हो जाती है। ऐसे में फर्जी क्लीनिक और फर्जी डॉक्टरों का संजाल स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में फल फूल रहा है। कई फर्जी डॉक्टरों ने बड़े-बड़े नर्सिंग होम भी बना लिए हैं। बाकायदा रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है जबकि उनके यहां कोई भी डॉक्टर तैनात नहीं है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्रवाई की बात कर रहे हैं।

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