मुरादाबाद : मोबाइल और पढ़ने का गलत तरीका बना रहा सर्वाइकल का शिकार

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Published By Priya
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जिला अस्पताल में रोज पहुंच रहे 20 से 25 मरीज, इनमें 15 साल के किशोर ज्यादा

मुरादाबाद, अमृत विचार। बिगड़ती दिनचर्या व खतरनाक जीवन शैली के कारण युवाओं का स्वास्थ्य संकट में है। मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल व पढ़ाई का गलत ढंग के कारण युवा सर्वाइकल की चपेट में आ रहे हैं। यह महज दावा नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बोल रहे हैं। सर्वाइकल से ग्रसित भीड़ में युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में डॉक्टर कार्यशैली में बदलाव व नियमित व्यायाम की सलाह दे रहे हैं। 

  • कार्यशैली में बदलाव और नियमित व्यायाम की सलाह दे रहे हैं चिकित्सक

 युवा वर्ग का सोशल नेटवर्किंग साइट के प्रति तेजी से रुझान बढ़ा है। घंटों मोबाइल, लैपटॉप देखते रहने से सीधे बैठ पाना संभव नहीं हो पाता।  कुछ देर बाद गर्दन झुकाकर लोग उसमें व्यस्त हो जाते हैं। इसके अलावा बैड पर कॉपी रखकर गर्दन झुकाकर पढ़ने की गलत आदत युवाओं को बीमारियों का शिकार बना रही हैं। मौजूदा समय में 16 से 30 साल की उम्र में युवक- युवतियों में सर्वाइकल की बीमारी तेजी से फैल रही है। जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एसएस कक्कड़ ने बताया कि पहले युवाओं को सर्वाइकल जैसी बीमारी छू नहीं पाती थी। 

लेकिन, अब आधुनिक जीवनशैली, मोबाइल के लगातार प्रयोग से सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस बढ़ रहा है। शारीरिक गतिविधियां बहुत कम हो गई है। ज्यादातर लोग व्यायाम नहीं करते। तनाव तथा नींद कम लेने से भी मांसपेशियों को आराम नहीं मिल पाता। यदि फिट रहना है तो नियमित व्यायाम के साथ पौष्टिक आहार का सेवन करें। इसके अलावा नवजातों को भी मोबाइल से दूर रखें।

केस 1:- साकेत कक्कड़ की उम्र 28 साल है। वह ऑफिस में कंप्यूटर पर बैठकर काम करते है। लेकिन, अब उनकी हालत ऐसी है कि वह जैसे ही सिस्टम पर बैठकर काम करते हैं तो गर्दन में तेज दर्द शुरू हो जाता है। ऐसे में अब वह जिला अस्पताल स्थित फिजियोथेरेपी सेंटर में परामर्श ले रहे हैं।

केस 2:- 23 साल की साक्षी सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस का शिकार है। वह डिप्लोमा कोर्स कर रही है। वह जैसे ही पढ़ाई करने बैठकर है उनके गर्दन में दर्द शुरू हो जाता है। साथ ही चक्कर आने लगते है। जिससे वह भविष्य को लेकर काफी चिंतित है। फिलहाल फिजियोथेरेपी सेंटर से इलाज चल रहा है। 

केस 3:- अक्षय 12वीं का छात्र है। इस साल बोर्ड की परीक्षा में शामिल होगा। चिकित्सक के मुताबिक सर्वाइकल के कारण देर तक बैठकर लिखने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।   

सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस के मामले बढ़ रहे हैं। अब युवा भी तेजी से इसका शिकार हो रहे हैं। इसमें 15-16 वर्ष के युवाओं की संख्या ज्यादा है। रोजाना 20-25 मामले आ रहे है। -डॉ. मोहम्मद इलियास, फिजियोथेरेपिस्ट

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