अयोध्या :  सोने के 108 सिक्कों का कंठाहार व 1.70 क्विंटल चांदी रामलला को समर्पित

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Published By Vinay Shukla
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काशी पीठाधीश्वर स्वामी संयम तीर्थ ने सिंहद्वार समेत खिड़की-दरवाजों के लिए भेंट की चांदी

अमृत विचार, अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि में विराजमान रामलला के दिव्य मंदिर निर्माण के साथ इस पुनीत कार्य के लिए श्रद्धालुओं की ओर से अनवरत धन व धातुओं के समर्पण के लिए कतार लगी है। इसी कड़ी में हरिद्वार स्थित काशी मठ के पीठाधीश्वर स्वामी संयम तीर्थ ने मंदिर में प्रतिष्ठित होने वाले रामलला के विग्रह की नाप मांगी है। उन्होंने रामलला के विग्रह को स्वर्ण मंडित करने का संकल्प लिया है।

फिलहाल उन्होंने अपने संकल्प की पूर्ति की दिशा में पहला कदम बढ़ाते हुए विराजमान रामलला के लिए आठ ग्राम गिन्नी के 108 सिक्कों का कंठाहार समर्पित किया। यह कंठाहार भगवान के चरणों में समर्पित कर पूजन किया गया। इसके साथ ही उन्होंने 10-11 किलो की चांदी की शिलाओं के अलग-अलग 17 पैकेट का भी समर्पण किया।

इस तरह से कुल एक क्विंटल 70 किलो चांदी भी समर्पित की। यह चांदी राम मंदिर के सिंहद्वार के अतिरिक्त दरवाजे व खिड़कियों में भी जड़ी जाएगी। इस कार्य में जितनी भी चांदी जरूरत लगेगी, भविष्य में उसकी प्रतिपूर्ति कर दी जाएगी।

 रामलला के मुख्य अर्चक सत्येन्द्र दास ने किया स्वागत

काशी मठ पीठाधीश्वर स्वामी संयम व उनके साथ अन्य संत-महंतों का स्वागत रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने किया। इसके पहले स्वामी तीर्थ की ओर से भेंट की गयी सम्पूर्ण सामग्री को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ के महासचिव चंपत राय ने स्वीकार किया।

आचार्य प्रवर ने स्वर्ण कंठाहार एवं रजत शिलाओं के अतिरिक्त एक लाख की नकद राशि भी समर्पित की। ट्रस्ट की ओर से समर्पित धनराशि की कम्प्यूराइजड रसीद भी दी गयी। इस दौरान श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट के न्यासी डॉ. अनिल मिश्र, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव व अन्य मौजूद रहे।

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