गन्ना किसानों के बकाए का ब्याज न चुकाने का मामला
10 साल से जनहित याचिका पर सरकार ने नहीं दाखिल किया जवाब
लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में गन्ना किसानों के बकाए का ब्याज न चुकाने के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार ने पिछले दस सालों से जवाब तक नहीं दाखिल किया है। इससे नाराज न्यायालय ने राज्य सरकार पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार हर्जाने की यह धनराशि जवाब न दाखिल करने वाले जिम्मेदार अफसर से वसूलेगी। न्यायालय ने हर्जाने की धनराशि को मध्यस्थता केंद्र में जमा करने का आदेश भी दिया है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने राष्ट्रीय किसान मजूदर संगठन की ओर से वर्ष 2012 में दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया है। याचिका में वर्ष 2011-12 का गन्ना किसानों के बकाए और उसके ब्याज का मुद्दा उठाया गया है। न्यायालय ने पाया कि याचिका पर शुरुआती सुनवाई के दौरान ही सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया था। बावजूद इसके दस साल बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से जवाब नहीं दाखिल किया गया। वहीं सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि किसानों के गन्ना बकाए का भुगतान किया जा चुका है। जबकि याची का कहना था कि किसानों के बकाए का भुगतान तो किया जा चुका है लेकिन बकाए को लम्बे समय तक लटकाए रखने के बावजूद ब्याज आज तक नहीं दिया गया है।
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