Kanpur: उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्थापित होगी फिलाटेली, डाक टिकट के जरिये छात्रों की जानकारी बढ़ाने को होगी पहल

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Published By Kanpur Digital
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कानपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्थापित फिलाटेली होगी।

कानपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्थापित फिलाटेली होगी। इसमें डाक टिकट के जरिये छात्रों की जानकारी बढ़ाने को नई पहल होगी। जिलाधिकारी के निर्देश पर बीएसए और डाक विभाग स्थापित करेगा।

[अभिषेक वर्मा], अमृत विचार, कानपुर। शहर के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जल्द ही फिलाटेली की स्थापना होगी। जहां छात्र-छात्राएं टिकटों के इतिहास को करीब से जानेंगे। वहीं, अपने ज्ञान को भी बढ़ा सकेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग और डाक विभाग ने मिलकर इसपर काम शुरू किया है। नये वर्ष में सरकारी स्कूलों के बच्चों को एक नई सुविधा दी जायेगी।

बता दें कि, जहां डाक टिकटों का संग्रह, उसका अध्ययन के साथ ही प्रशंसा की जाती है उस स्थान को ही फिलाटेली कहते हैं। यह एक तरह का टिकटों का लिटरेचर होता है। हालांकि, यह डाक टिकट संग्रह से भिन्न है क्योंकि आम तौर पर डाक-टिकट संग्रह में इसका अध्ययन नहीं किया जाता। टिकटों का संग्रह किये बिना भी उनका अध्ययन सम्भव है।

शहर में उच्च विद्यालयों में इसकी स्थापना को लेकर जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर के निर्देश पर डाकघर के प्रवर अधीक्षक और जिला बेसिक अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह ने पहल शुरू की है। अभी तक डाक घरों में ही इसकी सुविधा होती है। जहां बहुत से लोग रिसर्च के लिये पहुंचते हैं।

डाक टिकट क्यों जरूरी

डाक टिकट राष्ट्रीय धरोहरों एवं घटनाओं को स्मरण करने उन्हें प्रोत्साहित करने का माध्यम है। स्वतंत्रता के बाद डाक-टिकटों का प्रयोग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश की प्रगति के साथ पंचवर्षीय योजनाओं, इस्पात संयंत्रों, बांधों आदि जैसे विषयों को प्रतिबिंबित करने के लिए किया गया। बाद में, देश की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत की झलक प्रस्तुत की जाने लगी और विषय-आधारित सेटों में कला, वास्तु कला, शिल्प , समुद्री विरासत, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, रक्षा और सिनेमा पर अनेक आकर्षक डाक-टिकट जारी किए गए।

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के अनेक महान नेताओं पर भी स्मारक डाक-टिकट जारी किए जा चुके हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जिनको स्मारक और नियत डाक टिकटों से सम्मानित किया गया । पेंटिंग, साहित्य, विज्ञान, संगीत, सामाजिक उत्थान आदि क्षेत्रों में योगदान देने वाले व्यक्तियों को डाक टिकट जारी कर सम्मानित किया गया।

फिलाटेली में यह शामिल::: 

मिन्ट डाक-टिकट (अप्रयुक्त डाक-टिकट)
प्रथम दिवस आवरण (जो प्रत्येक स्मारक डाक-टिकट के साथ जारी किया जाता है)
विवरणिका (प्रत्येंक स्मारक डाक-टिकट के साथ निकाली जाने वाली सूचनापरक शीट)
कलेक्टकर्स पैक, वर्षवार
लघुकृत/स्मारिका शीट जो कभी-कभी जारी की जाती है
स्मारक  डाक-टिकट
1947 से अब तक भारत के डाक टिकटों की सूची

प्रवर डाक अधीक्षक के साथ चर्चा हुई है। हमारा उद्देश्य है कि 6-8 तक के बच्चों को डाक टिकटों के बारे में पता होना चाहिये। इसके जरिये महान लोगों के साथ ही नए-नए डाक टिकटों के जारी होने और उससे जुड़े इतिहास को बच्चें जान सकेंगे।- सुरजीत कुमार सिंह, बीएसए

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