लोहिया संस्थान : चिकित्सक पर सिजेरियन डिलीवरी के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप, नवजात का पैर टूटा

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Published By Virendra Pandey
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अमृत विचार,लखनऊ । डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के मातृ एवं शिशु रेफरल अस्पताल ( राम प्रकाश गुप्ता ) में नवजात का पैर फ्रैक्चर होने का मामला सामने आया है। चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुये परिजनों ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से शिकायत की है।

दरअसल,तेलीबाग निवासी रजनीश सिंह ने अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर 10 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया था। रजनीश के मुताबिक इससे पहले ओपीडी में तैनात चिकित्सक ने देख कर पूरी जांच कराई थी। अल्ट्रासाउण्ड समेत अन्य जांच रिपोर्ट ठीक बताई गई थी,लेकिन जब बेटी का जन्म हुआ तो नर्स ने पैर टूटे होने की जानकारी दी। इतना ही नहीं इलाज के लिए नवजात को लोहिया संस्थान ले जाने के लिए कहा। रजनीश ने बताया कि बच्ची को लोहिया संस्थान लाने के लिए एंबुलेंस तक की व्यवस्था नहीं की गई। निजी वाहन से वह बीमार नवजात को लेकर लोहिया संस्थान पहुंचे जहां पर प्राथमिक उपचार दिया गया।

प्रसूता को घंटों पानी के लिए तरसाया

रजनीश का आरोप है कि पत्नी को प्रसव पीड़ा के दौरान चिकित्सक को दिखाने अस्पताल पहुंचे थे। जहां पर चिकित्सक ने देखने के बाद प्रसुता को भर्ती कर लिया।  दस जनवरी को भर्ती करने के बाद 11 जनवरी को बिना परिजनों को बताये प्रसूता का ऑपरेशन कर दिया। इस दौरान करीब 24 घंटे तक प्रसूता को खाने पीने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। बार -बार पूंछे जाने पर भी किसी ने कुछ भी खाने पीने की सलाह नहीं दी। यह कह कर टाल दिया गया कि अभी बताया जायेगा, जिससे प्रसुता भूख-प्यास की पीड़ा को सहन करती रही।  इस पूरे मामले की उपमुख्यमंत्री से शिकायत के बाद लोहिया अस्पताल प्रशासन जागा है और जांच के आदेश दिये हैं।

इससे पहले भी लग चुके हैं आरोप

लोहिया संस्थान के मातृ एवं शिशु अस्पताल पर पहले भी आरोप लग चुके हैं,अभी कुछ महीने पहले इसी अस्पताल में बच्चा बदले जाने का मामला प्रकाश में आया था। हालांकि बाद में संस्थान प्रशासन की तरफ से यह कहकर मामले को रफा दफा कर दिया गया था कि कागजी कार्रवाई के दौरान हुई लिपकिये गलती करार दिया था।

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