MP के सहकारी बैंक में 51 लाख के गबन पर खजांची को उम्रकैद, 50 लाख का जुर्माना 

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
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इंदौर (मध्य प्रदेश)। इंदौर के एक सहकारी बैंक में करीब 51 लाख रुपये की नकदी के गबन पर जिला अदालत ने बैंक के तत्कालीन खजांची को उम्रकैद के साथ ही 50 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी के मुताबिक, सहकारी बैंक में गड़बड़ी के वर्ष 2018 के दौरान हुए खुलासे के बाद मुजरिम ने जांचकर्ताओं के सामने नाटकीय कहानी गढ़ी थी कि उसने गबन की रकम का एक हिस्सा इसे दोगुना करने के लिए एक तांत्रिक को दे दिया था।

अपर सत्र न्यायाधीश उत्तम कुमार डार्वी ने मामले में नारायण सिंह मकवाना (62) को भारतीय दंड विधान की धारा 409 (बैंक कर्मी द्वारा आपराधिक न्यास भंग) के तहत सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई और उस पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। सत्र अदालत ने मुजरिम को कम से कम सजा देने की बचाव पक्ष की गुहार खारिज करते हुए कहा कि बैंक की राशि का गबन सामान्य जन मानस के विरुद्ध अपराध है।

अदालत ने कहा कि अगर इस मामले में मुजरिम को न्यूनतम दंड दिया गया, तो समाज पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। विशेष लोक अभियोजक संजय शुक्ला ने बताया कि मकवाना पर अदालत में जुर्म साबित हुआ कि उसने इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव बैंक की हातोद शाखा में खजांची का काम करने के दौरान 50 लाख 94 हजार 176 रुपये की नकदी का निजी उपयोग के लिए गबन किया।

शुक्ला ने कहा, सहकारी बैंक में गड़बड़ी के खुलासे के बाद मुजरिम ने नाटकीय कहानी गढ़ी थी कि उसने गबन की रकम का एक हिस्सा इसे दोगुना करने के मकसद से एक तांत्रिक को पोटली में भरकर दिया था। लेकिन उसकी यह बात न तो जांच में तथ्यात्मक पाई गई और न ही वह इसे अदालत में सिद्ध कर सका।

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