छंटनी की मार

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
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वर्ष 2023 में भारत और वैश्विक स्तर पर हर दिन लगभग 1,600 से अधिक तकनीकी कर्मचारियों को काम से निकाला गया है। अमेरिका में हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स मुसीबत में फंस गए हैं। आईटी पेशेवरों की संख्या के हिसाब से दुनिया में भारत दूसरे नंबर पर आता है भारत से अधिक आईटी पेशेवर अमरीका में हैं, जहां उन्होंने अपनी योग्यता, पुुरुषार्थ और परिश्रम के बल पर स्थान बनाया।

गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी कंपनियों में छंटनी के चलते नौकरी जाने के बाद उनका वर्क वीजा खत्म हो रहा है और बची अवधि में जॉब नहीं मिलने के कारण उनके पास वापस लौटने का ही विकल्प है। निकाले गए लोगों में 30 से 40 प्रतिशत भारतीय आईटी पेशे में  हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में एच-1बी और एल1 वीजा पर हैं। भारतीय पेशेवर अब अमेरिका में रहने के लिए अपने कामकाजी वीजा के तहत निर्धारित अवधि के भीतर नया रोजगार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

मौजूदा परिस्थितियों में जब सभी आईटी कंपनियां छंटनी कर रही है तो ऐसे में उन्हें जल्दी दोबारा नौकरी मिलना असंभव है। हैरानी की बात ये है कि बिना नोटिस दिए अचानक से इन कर्मचारियों को निकाला गया। राहत की बात है कुछ संस्थाओं ने इन आईटी पेशेवरों की मदद करने के लिए सामुदायिक पहल शुरू की है। ध्यान रहे 2022 में कुल 50 बड़ी टेक कंपनियों ने दुनिया भर में एक लाख लोगों को नौकरी से निकाला था। छंटनी का बड़ा कारण वैश्विक मंदी को माना जा रहा है। महामारी और रूस-यूक्रेन जंग की वजह से अर्थव्यवस्था में मांग व आपूर्ति  में उतार चढ़ाव आया। भारत समेत चीन, ब्रिटेन, अमेरिका और जापान जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था में इसका असर देखने को मिला है। 

महंगाई बढ़ गई। पिछले साल भारत में महंगाई दर लगातार 9 महीने तक आरबीआई की तय सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर रही। इसे नियंत्रित करने के लिए आरबीआई रेपो रेट बढ़ा देता है। रेपो रेट यानी जिस ब्याज दर पर आरबीआई दूसरे बैंकों को ऋ ण देता है। रेपो रेट ज्यादा होने की वजह से कंपनियों को अपना बिजनेस बढ़ाने में परेशानी होती है। ऐसे में लाभांश ज्यादा हो इसलिए कंपनियां अपना खर्च कम करने की कोशिश करती हैं।

इस वजह से कर्मचारियों की सैलरी में कटौती करती हैं या उन्हें नौकरी से निकाल देती हैं। भारत में वर्ष की शुरुआत में ही ई-कॉमर्स की प्रमुख कंपनी अमेज़ॅन ने लगभग 18,000 कर्मचारियों की छंटनी कर दी। नई तकनीक, जैसे ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और कृत्रिम खुफिया व्यवस्था बढ़ने के साथ आईटी कंपनियों में नौकरियों का अभाव पड़ गया है। इसलिए नई तकनीक के कारण आईटी कंपनियों में रोजगार के घटते अवसरों पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है।