लखनऊ : सहारनपुर में रिश्वत लेने के आरोपी चिकित्सा अधीक्षक निलंबित
उप मुख्यमंत्री ने सीएमओ को जारी किए निर्देश, लापरवाही बर्दाश्त नहीं
अमृत विचार,लखनऊ। सरकारी अस्पताल या संबंधित कार्यालय में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सरकार का रवैया सख्त बना हुआ है। शनिवार को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सहारनपुर के बेहट में रिश्वत लेने के आरोपी चिकित्सा अधीक्षक को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, मऊ व औरैया में भी दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। साथ ही सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को निर्देशित किया है कि कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं है।
उप मुख्यमंत्री ने जारी बयान में बताया कि बेहट (सहारनपुर) के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा रिश्वत लिए जाने के मामला संज्ञान में आया था, जोकि जीरो टॉलरेंस नीति अंतर्गत प्रकरण बहुत गंभीर है। संबंधित चिकित्साधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच रिपोर्ट भी तलब की गई है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि मऊ के सदर अस्पताल में एक चिकित्सक द्वारा पत्रकार पर हेलमेट फेंकने के मामले की जांच के लिए सीएमओ को निर्देशित किया गया है। निर्देश हैं कि कमेटी गठित कर जांच कराई जाए और दोषी डॉक्टर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
औरैया में वार्ड ब्वॉय के कृत्य की होगी जांच
ब्रजेश पाठक ने बताया कि औरैया के बिधूना में भी एक वार्ड ब्वॉय द्वारा रिश्वत लेने का मामला प्रकाश में आया है। इस प्रकरण की भी जांच कराने को सीएमओ औरैया को निर्देशित किया गया है। दो फरवरी तक जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं है।
कई अन्य मामलों में भी कार्रवाई
उपमुख्यमंत्री द्वारा जनवरी माह में कई विभागीय कार्रवाई की गई हैं। इनमें पहला मामला बांदा के जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का था, जिसमें शासन स्तर से कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा सहारनपुर के नागल में मरीजों को एक्सपायरी डेट की दवाएं देने के मामले में भी ब्रजेश पाठक ने दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
फतेहपुर स्थित जिला अस्पताल में भी अव्यवथाओं की वजह से नवजात की मृत्यु मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
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