बरेली: कहीं बच्चों को तो नहीं करते थे सप्लाई... स्कूल प्रबंधन के साथ पुलिस भी हिली
बरेली, अमृत विचार : स्कूल की जिस बस में स्कूल के बच्चों को लाया-ले जाया जा रहा था, उसी में स्मैक की तस्करी पकड़े जाने के बाद स्कूल प्रबंधन के साथ पुलिस की भी सबसे बड़ी चिंता है कि कहीं बच्चों को भी तो स्मैक की सप्लाई नहीं की जा रही थी। आरोपी ड्राइवर और उसके हेल्पर बेटे से लंबी पूछताछ के बावजूद हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई लेकिन दोनों ने यह भी कुबूल नहीं किया कि वे स्मैक की सप्लाई कहां करते थे।
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पुलिस का कहना है कि इस संवेदनशील पहलू पर बेहद गहराई से जांच की जा रही है। स्कूल प्रबंधन भी जांच कर रहा है कि कहीं स्कूल का कोई और कर्मचारी तो स्मैक तस्करी में लिप्त नहीं है। स्मैक तस्करी के मामले में फतेहगंज पश्चिमी की सिर्फ देश भर में नहीं बल्कि देश भर में पहचान है। देश भर से दूसरे राज्यों की पुलिस अपने यहां वांछित स्मैक तस्करों की तलाश में फतेहगंज पश्चिमी आती रही है।
इस पूरे इलाके में स्मैक तस्करों की संख्या हजारों में होने का अनुमान है। पिछले साल शासन के निर्देश पर पुलिस ने स्मैक तस्करों के खिलाफ बड़ा अभियान भी चलाया था। तमाम स्मैक तस्करों को गिरफ्तार करके जेल भेजने के साथ उनकी तमाम संपत्तियों को सफेमा के तहत फ्रीज कर दिया गया था। तमाम आवासीय और व्यावसायिक इमारतों पर भी बुलडोजर चला दिया गया, लेकिन इसके बावजूद स्मैक तस्करी नहीं थमी।
यह भी बेहद अहम है कि इस बीच पुलिस और स्मैक तस्करों की साठगांठ के भी कई मामले उजागर हुए। स्कूल की बस में स्मैक तस्करी पकड़े जाने के बाद यह भी साबित हो गया कि स्मैक का कारोबार करने वालों ने तस्करी के सुरक्षित रास्ते तलाश कर लिए हैं। पुलिस अफसरों को सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि कहीं ड्राइवर बाप-बेटे डीपीएस या दूसरे शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों को तो ही स्मैक की सप्लाई नहीं कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक इस मामले में हर पहलू पर सघनता से जांच की जा रही है। दूसरी ओर, स्कूल प्रबंधन भी अपने स्तर से इस बारे में जांच कराने की बात कह रहा है। स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि यह भी देखा जा रहा है कि स्कूल का कोई और कर्मचारी तो इस धंधे में लिप्त नहीं है। खास यह है कि आरोपी बाप-बेटे पूछताछ में बार-बार पहली बार अपराध करने की बात कहते रहे। यह भी नहीं बताया कि वे स्मैक की सप्लाई कहां करने जा रहे थे।
शक : राजश्री मेडिकल कॉलेज के छात्रों को रात में करनी थी स्मैक की सप्लाई
ड्राइवर 15 साल पुराना, डेढ़ साल पहले बेटे को भी रखवाया, स्कूल ने नहीं कराया सत्यापन: पुलिस का कहना है कि आधी रात के वक्त स्कूल का बस ड्राइवर और उसका बेटा स्मैक की सप्लाई करने ही निकले थे।
दोनों के डीपीएस के बच्चों को स्मैक सप्लाई करने की आशंका तो है ही, चूंकि दोनों राजश्री मेडिकल कॉलेज के सामने पकड़ा गया तो बहुत शक इस बात का भी है कि कहीं उन्हें मेडिकल कॉलेज के ही छात्रों को तो स्मैक की सप्लाई नहीं करनी थी। पुलिस की छानबीन में पता चला कि बच्चों को स्कूल लाने और घर छोड़ने के बाद बस ड्राइवर-हेल्पर के ही कब्जे में रहती थी।
स्कूल प्रबंधन ने कभी यह जांच तक नहीं की कि स्कूल बस रोज कितने किलोमीटर चल रही है और कहां-कहां जा रही है। स्कूल के प्रिंसिपल वीके मिश्र के मुताबिक अनिल कुमार उनके स्कूल में करीब 15 साल से बतौर ड्राइवर नौकरी कर रहा था।
डेढ़ साल पहले बस के हेल्पर की जगह खाली हुई तो उसने अपने बेटे शिवम को रखने का आग्रह किया। इसके बाद दोनों एक ही बस पर तैनात हो गए। पुलिस सत्यापन के बगैर उसे नौकरी पर रखना स्कूल प्रशासन की भी चूक माना जा रहा है। फिलहाल यह भी पता नहीं लग पाया है कि दोनों कब से स्मैक तस्करी कर रहे थे।
स्कूल के प्रिंसिपल बोले- अंदाजा नहीं था स्मैक तस्कर हैं बाप-बेटे, कहा- स्कूल प्रबंधन का कोई और शामिल हो तो उस पर भी हो कार्रवाई: स्कूल के प्रिंसिपल वीके मिश्र ने कहा कि दोनों पिता-पुत्र तस्कर हैं, उन्हें इसका अंदाजा नहीं था। शिक्षा के मंदिर में ऐसा करना बहुत घृणित अपराध है। दोनों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
पुलिस की जांच में वह पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं। वह खुद चाहते हैं कि पुलिस इस मामले की बारीकी से जांच करे और स्कूल प्रबंधन की भी जांच की जाए। यदि इसमें स्कूल प्रबंधन को भी कोई व्यक्ति शामिल हो तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
आरोपी बाप-बेटे स्मैक की सप्लाई करने निकले थे। मेडिकल कॉलेज के सामने से गिरफ्तारी होने की वजह से पुलिस का मुख्य रूप से इसी पर फोकस है कि आरोपियों ने कहीं छात्रों को तो अपना ग्राहक नहीं बनाया हुआ था। पुलिस गहराई से जांच करेगी और पूरी असलियत का पता लगाएगी। - राहुल भाटी, एसपी सिटी
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