Shivaji Jayanti 2023 : आगरा किले में पहली बार मनाई गई छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती

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Published By Virendra Pandey
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अमृत विचार, आगरा। मैं आगरा किले में शिवाजी महाराज के सिपाही के तौर पर पहुंचा हूं,मैं यहां मुख्यमंत्री के रूप में नहीं आया हूं। यह कहना है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का। वह रविवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हिन्दू राज्य की स्थापना के लिए हमेशा लड़ते रहे। उन्होंने मुगल और कुतुब शाही दोनों से मुकाबला किया।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तो यहां तक कहा कि आजादी के कई साल बीत चुके हैं,लेकिन इतने सालों के बाद पहली बार आगरा के किले में शिवाजी की जंयती मनाई गई है। यह वही किला है जहां शिवाजी को झुकाने की कोशिश की गई,उन्हें धोखे से बंदी बनाया गया, लेकिन मुगल उन्हें झुका नहीं सके।

छत्रपति शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती पर आगरा किले में आयोजित समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वर्चुअल माध्यम से जुड़ें। उन्होंने कहा कि गुलामी के उस कालखंड में छत्रपति शिवाजी महाराज ने कई युद्ध लड़े। उनकी रणनीति, अदम्य साहस एवं पराक्रम को कभी भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस तरह से मुगल आक्रांताओं के विरुद्ध युद्ध लड़े। वह अविस्मरणीय है।

आगरा किले में समारोह के शुभारंभ के समय चारो तरफ छत्रपति शिवाजी महाराज की शौर्य गाथा गूंज रही थी। इस समारोह में शामिल होने  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आगरा पहुंचे थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेरिया एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उनका स्वागत भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया । हवाई हड्डे पर भाजपा जिला अध्यक्ष समेत कई लोग मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोल्हापुर, महाराष्ट्र और पूणे समेत अन्य जगहों से करीब  4000 लोग आगरा पहुंचे थे। जबकि इस कार्यक्रम में महज 800 लोगों के शामिल होने की ही अनुमति दी गई थी।

बताया जा रहा है कि इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र सरकार और अजिंक्य देवगिरि फाउंडेशन की ओर से कराया गया था। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपना सहयोग दिया था।

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