दोहरा हत्याकांड : बर्खास्त सिपाही, सेवानिवृत्त गैंगमैन समेत तीन को आजीवन कारावास
20 साल पूर्व खुदागंज रेलवे स्टेशन के नजदीक मिले थे बोरे में बंधे शव
फर्रुखाबाद, अमृत विचार। विशेष अदालत ईसीएक्ट के न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह ने 20 साल पुराने दोहरे हत्याकांड में दोषसिद्ध बर्खास्त सिपाही, सेवानिवृत्त रेलवे गैंगमैन समेत तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। तीन लाख बीस हजार रुपये जुर्माना किया है।
कमालगंज थाना क्षेत्र के खुदागंज रेलवे स्टेशन के पास अलग-अलग जगह बोरे में एक पुरुष और एक महिला का शव 12 जुलाई 2003 को बंधा पड़ा हुआ झाड़ियों में मिला था। गांव के कतरौली पट्टी निवासी गांव सुल्तानपुर के चौकीदार सर्वेश कुमार की सूचना पर पुलिस ने अज्ञात में हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। घटना के दस दिन बाद महिला के शव की शिनाख्त कतरौली पट्टी निवासी बबली गुप्ता ने अपनी बहन मुन्नीदेवी के रूप में थी और पुरुष के शव की शिनाख्त सुधीर शुक्ला निवासी मुवैया थाना शिवली कानपुर देहात के रूप में हुई थी। इस मामले की विवेचना के बाद पुलिस ने बबली गुप्ता के पति पवन गुप्ता, गांव केसरी नगला निवासी अमर सिंह यादव, रारपट्टी थाना एटा व हाल नई बस्ती संघर्ष नगर कर्रही थाना बर्रा कानपुर निवासी सिपाही राजवीर सिंह, शाहजहांपुर के थाना कलान के मोहनपुर निवासी खुदागंज रेलवे स्टेशन के गैंगमैन श्रीकृष्ण और रारपट्टी एटा निवासी नरेश सिंह के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी पवन गुप्ता की मौत हो गई। गवाही के दौरान मुकदमे में नया मोड़ सामने आया। जिस महिला का शव बताया जा रहा था, वह जिंदा थी। मरने वाली महिला मुन्नीदेवी राजवीर की पत्नी थी। वह कानपुर में किराये के मकान में रह चुकी थी। उस पर वहां भी गोली चलाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। राजवीर पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरनाथ सिंह, अखिलेश राजपूत, श्रवण कुमार ने दलीले पेश की। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने श्रीकृष्ण, राजवीर व नरेश को हत्या में 17 फरवरी को दोषी करार दिया था। उनको न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया। आरोपी अमर सिंह को साक्ष्य के अभाव में मुकदमे से दोषमुक्त कर दिया गया है। दोषसिद्ध गैंगमैन श्रीकृष्ण, बर्खास्त सिपाही राजवीर व नरेश सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। श्रीकृष्ण पर एक लाख, राजवीर व नरेश सिंह पर 1.10-1.10 लाख रुपये जुर्माना किया गया।
सुधीर गुप्ता की पुत्री को मिलेगा 2.80 लाख
कानपुर देहात के थाना शिवली के गांव मुवैया निवासी सुधीर शुक्ला की 20 साल पूर्व हत्या कर दी गई थी। उस समय उसकी पुत्री सुवी शुक्ला (सुभी शुक्ला)की आयु करीब डेढ़ साल की थी। सुवी शुक्ला की मां की मौत हो चुकी है। वर्तमान में सुवी शुक्ला की आयु करीब 22 साल है। उसकी अभी शादी नहीं हुई है। उसका भरण पोषण करने वाला अभी कोई नहीं है। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने सुवी शुक्ला को क्षतिपूर्ति दिलाने की याचना की। न्यायाधीश ने श्रीकृष्ण से एक लाख रुपये जुर्माना वसूल होने पर 90 हजार रुपये, राजवीर से 1.10 लाख और नरेश सिंह से 1.10 लाख रुपये की जुर्माना राशि वसूल होने पर 95-95 हजार रुपये सुधीर शुक्ला की पुत्री सुवी शुक्ला को बतौर क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है।
मृतक दिखाई महिला ने कोर्ट में जिंदा होने की दी थी गवाही
दोहरे हत्याकांड में मृत दिखाई गई महिला मुन्नीदेवी ने सात नवंबर 2022 को कोर्ट में उपस्थित होकर खुद के जिंदा होने की गवाही दी थी। उसने कहा था कि वह कानपुर नगर के गोविंद नगर थाना क्षेत्र के दादानगर नहर कोठी की निवासी है। उसके पति को नाम राधाकृष्ण गुप्ता है। उसने कहा था कि राजवीर उसके घर पर किराये पर रहने आया था। उसने अपनी पत्नी का नाम मुन्नदेवी ने बताया था। उस समय राजवीर गोविंद नगर थाने में पुलिस कर्मी थी। कानपुर में एक घटना में राजवीर, सुधीर शुक्ला व उसको आरोपी बनाया गया था। तब वह सुधीर शुक्ला से मिली थी। वह मुकदमा समाप्त हो चुका है। उसमें सभी दोषमुक्त हो गए थे। कमालगंज क्षेत्र में जिस मुन्नीदेवी का शव मिला है, वह उसका नहीं था। वह जिंदा हैं।
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